October 19, 2025

संवाददाता

कानपुर। ऐसी 70 से ज्यादा महिलाएं हैं, जिन्हे फर्जी बैंक खोलकर लोन देने का झांसा दिया गया और फिर उनके सपनों को बर्बाद कर दिया गया। दरअसल, कानपुर में अमीर बनने की चाहत में 4 दोस्तों ने फर्जी बैंक खोल दिया था। मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर 15 दिन में करीब 100 खाते खोले। 71 महिलाओं से 2 लाख 84 हजार रुपए ठग लिए । जब 7 दिन तक लोन नहीं मिला, तो महिलाओं को शंका हुई। महिलाओं ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। थाना शिवराजपुर में 3, चौबेपुर और बिल्हौर में एक-एक मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद पुलिस जांच में मामला खुला। पुलिस ने चारों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। 
मै अपनी बेटी मुस्कान को बीएड कराकर टीचर बनाना चाहती थी। सोचा था कि 50 हजार का लोन मिल जाएगा। पति मजदूरी करते हैं। अगर लोन मिल जाता तो धीरे-धीरे चुकता कर देती। लेकिन, लोन तो मिला नहीं और मेहनत की कमाई भी चली गई। यह कहना है शिवराजपुर थाना क्षेत्र के हृदयपुर गांव की सुमित्रा का। ऐसे ही लक्ष्मी भी ठग गिरोह की शिकार हुईं। वह अपने बेटे का कारोबार बढ़ाने के लिए लोन लेना चाहती थीं। गांव की रानी, बिजमा और पूजा भी झांसे में आईं। शातिरों ने उनके पैसे और सपने हड़प लिए। 

ऐसे ही रानी के सपने भी चकनाचूर कर दिए गए। वो लोन लेकर भैंस खरीदना चाहती थीं। ताकि दूध का व्यापार किया जा सके। दो बच्चों को अच्छे से पढ़ाया जा सके।
रानी ने बताया कि उनके साथ भी ठगी हुई। उनके पति रमेशचंद्र राजमिस्त्री हैं। ठग पहले उनके घर आए और पांच महिलाओं का समूह बनाने को कहा। फील्ड ऑफिसर शैलेश गौतम ने कहा कि बैंक आकर हस्ताक्षर कर दें, फोटो खींचेंगे और 24 घंटे में खाते में 50-50 हजार रुपए आ जाएंगे। हमने समूह बनाया। 3-3 हजार रुपए लोन दिलाने के नाम पर दिए।
रानी ने बताया कि मजदूरी से गुजारा होता है। परिवार में दो बेटे शिवम, विशाल और बेटी ग्रेसी है। 50 हजार लोन मिल जाता तो भैंस खरीदकर दूध का व्यापार करती। लेकिन, लोन नहीं मिला और 3 हजार रुपए भी हड़प लिए गए।
डीसीपी वेस्ट दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सीतापुर के गांव सुमरावां निवासी शैलेश गौतम उर्फ रोहित बीएड कर चुका है। अब उसने बी-फार्मा में एडमिशन लिया है। उसे नौकरी नहीं मिल रही थी, इसलिए वह सीतापुर में ही जल जीवन शक्ति मिशन में काम करने लगा।
वह ब्लिंकिट से ऑनलाइन सामान मंगाता था। इस दौरान उसकी मुलाकात सीतापुर के ही रहने वाले सिंघौली गांव के जितेंद्र गौतम उर्फ राकेश, प्रदीप गौतम उर्फ संतोष पांडेय, पीरपुर गांव निवासी उत्तम वर्मा उर्फ संदीप शर्मा से हुई। चारों में दोस्ती हो गई।
शैलेश गौतम ने एक फर्जी बैंक खोलकर पैसे कमाने का आइडिया दोस्तों के बीच शेयर किया। सभी ने हामी भर दी। फिर एक ऐसे बैंक का नाम गूगल पर तलाशने लगे, जिसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी न हो। तभी उन्हें महाराष्ट्र की शिल्पा फिन कैप प्राइवेट लिमिटेड का पता चला।
बैंक कहां खोला जाए, इसको लेकर आपस में मीटिंग की। तय हुआ कि अपने घर से दूर शिवराजपुर में बैंक खोली जाएगी। इसके बाद आरोपियों ने किराए पर भवन तलाशना शुरू किया। कस्बा के भटपुरवा गांव निवासी धर्मेंद्र के मकान में नीचे का पोर्शन 7 हजार रुपए के किराए पर ले लिया गया।

1 अक्टूबर को शिल्पा फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बैंक खोला। इसमें एड्रेस मुंबई की मेन ब्रांच का दिया। नंबर और ईमेल भी लिखा। ताकि लोग जब सर्च करें तो उन्हें फ्रॉड न लगे। बैंक में जितेंद्र गौतम उर्फ राकेश गौतम ब्रांच मैनेजर, प्रदीप गौतम उर्फ संतोष पांडेय असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर, उत्तम वर्मा उर्फ संदीप शर्मा लोन ऑफिसर और शैलेश गौतम फील्ड ऑफिसर थे।
इसके बाद आरोपी आसपास के गांवों में गए। महिलाओं को 20 से 50 हजार तक का मुद्रा लोन दो दिन में दिलाने की बात कही। उन्हें पूरा प्रोसेस समझाया। महिलाएं जब खाता खुलवाने को तैयार हुईं तो आरोपियों ने शर्त रखी। आरोपियों ने महिलाओं से कहा- खाता खुलवाने से पहले बीमा कराना होगा। इसके लिए 4 हजार रुपए देने होंगे।
निर्धारित समय पर महिलाओं को लोन नहीं मिला, तो उन्हें शंका हुई। 13 अक्टूबर को कुछ महिलाएं पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल से शिकायत करने पहुंची थी। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने संबंधित थानों को केस दर्ज करके कार्रवाई करने का आदेश दिया।
डीसीपी वेस्ट ने बताया कि शिवराजपुर थाने में 14 अक्टूबर को आरोपियों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुईं। जिसमें पहला मुकदमा नरेंद्र, गुड्‌डी, सोमिता, भोनी, यासमीन, आलम व मंतशा की शिकायत पर दर्ज किया गया। वहीं, दूसरा मुकदमा 15 अक्टूबर को रूबी और तीसरा माजजदा ने दर्ज कराया है। 15 अक्टूबर को ही बिल्हौर थाने में पूनम और चौबेपुर थाने में हृदयपुर निवासी अंकित ने दर्ज कराया है।
पुलिस टीम 16 अक्टूबर को शिवराजपुर स्थित बैंक पहुंची। अंदर का नजारा और सेटअप किसी प्राइवेट बैंक की तरह ही था। ठगों ने ब्रांच मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर, लोन ऑफिसर, फील्ड ऑफिसर जैसी अपनी-अपनी पोस्ट क्रिएट की थी। पुलिस ने चारों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।