December 12, 2024

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
मानव खरीद की एक घटना में केवल 12 साल के बच्चे को एक एंजेसी के जरिए 30 हजार में खरीदा गया। बच्चे को खरीदने वाला कारोबारी बेरहमी से बच्चे से टॉयलेट साफ करवाने, झाड़ू-पोछा लगवाने के साथ ही घर का पूरा काम कराता था। बच्चा घर जाने की जिद करता था, तो उसे बेरहमी से पीटते थे। बच्चे के पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया है।
यह बेरहमी की घटना गोविंद नगर थाना क्षेत्र की है।पुलिस ने पड़ोसियों की सूचना पर बालक को बरामद कर परिजनों को बुलाया था।
गोविंद नगर थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना मिली थी कि गोविंद नगर बी-ब्लॉक में फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद के घर में 12 साल के बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जाती है। विरोध करने पर उसे बेरहमी से पीटते हैं। सूचना पर पुलिस घर पहुंची, तो सच्चाई देखकर दंग रह गई। घर से 12 साल का बच्चा बरामद हुआ जिसके  गाल में चोट के निशान थे।
पुलिस से बच्चे ने बताया कि मेरा नाम बाबुल है, मेरे पापा का नाम भगवान मेहतो उर्फ रामू है। मैं बिहार के मोतीहारी का रहने वाला हूं। अपने मां-बाप के साथ गुड़गांव में रहता था। लगभग 3 महीने पहले पैसे कमाने का लालच देते हुए एक व्यक्ति पप्पू यादव ने मुझे और मेरे चचेरे भाई दिव्यांशु को लखनऊ के आलमबाग के सुनील मलिक के घर पर काम करने के लिए छोड़ दिया था। वहाँ पर मेरे और चचेरे भाई से घर के टॉयलेट की साफ-सफाई के साथ ही घर के  सारे काम कराए जाते थे। लेकिन मुझे एक भी रुपए नहीं मिलते थे।

इसके बाद मुझे लखनऊ से कानपुर लाकर अंकित आनंद के घर में छोड़ दिया गया। तब से मैं साक्षी आनन्द और अंकित आनन्द के बच्चों की देखभाल करता हूं। दोनों मुझसे जानवरो की तरह पूरे घर की साफ सफाई कराते हैं। 
बच्चे बाबुल ने बताया कि साक्षी दीदी छोटी-छोटी बात पर बेरहमी से पिटाई करती हैं। यह बताते-बताते बच्चा रोने लगा। बोला मुझे पेट भरकर खाने को भी नहीं दिया जाता है। इसके बाद उसने अपने दाहिने गाल के चोट के निशान दिखाए।
पुलिस ने फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद को हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही बच्चे को लेकर थाने पहुंचे। अंकित आनंद ने बताया कि बच्चे को 30 हजार रुपए में एक कंपनी के जरिए मेरे लखनऊ में रहने वाले ससुर सुनील मलिक ने खरीदा था। इसके बाद बच्चे को कुछ दिन अपने यहां रखने के बाद कानपुर में मेरे पास भेज दिया था।
गोविंद नगर थाना प्रभारी ने बताया कि 12 साल के बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी कराने और उसे बेरहमी से पीटने के मामले में आरोपी कारोबारी अंकित आनंद, साक्षी आनंद , सुनील मलिक और पप्पू यादव के खिलाफ मानव तस्करी, बंधक बनाकर मजदूरी कराने, मारपीट करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को भी इसकी सूचना दी गई है। आरोपी कारोबारी अंकित आनंद को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
गोविंद नगर बी-ब्लॉक के मकान में रहने वाले फर्नीचर कारोबारी सतीश आनंद के बेटे अंकित ने बताया कि मेरे ससुर सुनील मलिक के घर से करीब 1 महीने पहले यह लड़का हमारे घर काम करने के लिए आया था। इसके लिए मेरी पत्नी ने पप्पू यादव को 30 हजार रुपए दिए थे। पप्पू यादव गुडगांव मे रहता है।
बाबुल मेरे घर मे छोटे मोटे काम किया करता है। इसका एक चचेरा भाई दिव्यांशु भी मेरे ससुर के यहां आलमबाग लखनऊ में रहता है। इसके बाद पुलिस की एक टीम लखनऊ भेजने की तैयारी की जा रही है। इससे कि बच्चे की खरीद फरोख्त करने वाले अंकित आनंद के ससुर सुनील मलिक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके।
अंकिता शर्मा, डीसीपी साउथ ने बताया कि बच्चे के शोषण की जानकारी मिली थी। बच्चे का मेडिकल कराया जा रहा है। स्थानीय पुलिस की ओर से चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एक अभियुक्त को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है।