April 17, 2025

—सुबह होते ही गूंजती है चिड़ियों की चहक।

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
विकास के नाम पर देश, राज्य, शहर तेजी से आगे बढ़ रहे है, इसके साथ ही गुम होती जा रही है प्राकृतिक सौंदर्यता। आज के दौर में सुबह होते ही पक्षियों की चहचहाहट की बजाए सुनाई देता है दौड़ती-भागती गाड़ियों का शोर।
प्रकृति की सुंदरता से युवाओं को जोड़े रखने व बुजुर्गों के दिलों में पुराने दिनों की यादें ताजा रखने के लिए कानपुर के एक युवक ने नगर के ऐतिहासिक पार्क में पक्षी संरक्षण गृह तैयार किया है। इस पक्षी संरक्षण गृह में करीब 6 प्रजाति के 80 पक्षी मौजूद है, जिनकी मधुर ध्वनि आसपास के लोगों की सुबह खुशनुमा बनाने का काम कर रही है।
शहर की घनी व व्यस्ततम आबादी वाले इलाकों में से एक कानपुर के हटिया बाजार के निवासी फुटवियर कारोबारी विनय सिंह ने शहर के ऐतिहासिक रज्जन बाबू पार्क में 720 स्क्वायर फीट एरिया में पक्षी संरक्षण गृह तैयार कराया है। विनय ने बताया कि आज के समय में पक्षी गुम होते जा रहे है, घर के आसपास सुबह के समय चिड़ियों की चहक सुनाई नहीं देती थी।
जिस पर उन्होंने प्राकृतिक सौंदर्यता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2023 में विधायक अमिताभ बाजपेई की निधि से 14 लाख की लागत में पक्षी संरक्षण गृह तैयार कराया। विनय ने बताया कि पक्षी संरक्षण गृह में पाइन एप्पल, लवबर्ड, बजरी, डायमंड डक, काॅकाटिल जैसी प्रजाति के कुछ पक्षियों के जोड़े लाए गए। आज पक्षी संरक्षण गृह में 80 पक्षी है, जिनके चहचहाने से पार्क में लोग सुकून के पलों का एहसास करते है।
विनय ने बताया कि इन पक्षियों को सूरजमुखी के बीज, काकून, चने, मौसमी फल व मकाई दिया जाता है। जिनमें सालाना एक लाख रुपए का खर्च आता है। विनय पक्षियों के रखरखाव व खाने का खर्च खुद व्यय करते है। उन्होंने बताया कि पक्षियों के प्रजनन के लिए के पक्षी संरक्षण गृह में अलग से लकड़ी के घर भी तैयार किए गए हैं, जिनमें वह अपने बच्चों को आसानी से रखते हैं।
इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने व पक्षी संरक्षण गृह को हरा भरा रखने के लिए पक्षी संरक्षण गृह में मनोकामनी व सीजनल फूलों के पौधे भी लगाने की तैयारी की जा रही है।