—3 सचिवों के खिलाफ एफआईआर के आदेश।

आ स. संवाददाता
कानपुर। विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा करने पर 3 सचिवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायतों में कराए गए निर्माण कार्यों के अभिलेख ऑडिट विभाग को एक वर्ष बाद भी न दे पाने पर कार्रवाई की गई है।
तीन सचिवों पर 1.5 करोड़ रुपए की सरकारी धनराशि का गबन करने का आरोप है। जिसमें से बिधनू ब्लाक में सबसे ज्यादा करीब 1.38 करोड़ का फर्जीवाड़ा सचिव पुनीत मिश्रा ने किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नाम पर बड़ा गोलमाल हुआ है। वर्ष 2023 में ऑडिट टीम ने वर्ष 2016-17 में कराए गए विकास कार्यों नाली, खड़ंजा, पंचायत भवन, खेल मैदान, कूड़ा निस्तारण केंद्र, गोशाला निर्माण के अभिलेख चेक किए तो करीब 11 से अधिक सचिव ऐसे मिले थे जिनके अभिलेख पूरे नहीं थे। जिनको पंचायती राज विभाग लगातार नोटिस जारी कर अभिलेख जमा करने के निर्देश दे रहा था। 9 सचिवों ने एक साल में अपने-अपने सभी अभिलेख ऑडिट टीम को सौंप दिए। लेकिन तीन सचिव ऐसे रहे जिन्होंने आधे से ज्यादा अभिलेख ही नहीं जमा किए।
ये विकास कार्य सचिवों ने 15वें वित्त और पंचम वित्त की धनराशि से कराए थे। इन कामों के लिए सचिवों के पास वर्क आर्डर जिनके जरिए कार्य होना था। इनका बिल बाउचर, मास्टर रोल, माप पुस्तिका, कैश बुक आदि कागजातों को दिखाना था। लेकिन इनके पास अभिलेख नहीं थे।
डीपीआरओ मनोज कुमार ने बिधनू ब्लाक में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी पुनीत मिश्रा पर 1.38 करोड़ रुपए का गबन का आरोप लगाया है। इनके पास 10 ग्राम पंचायतों का कार्य भार था। वहीं इसी ब्लाक में तैनात रहे राहुल अवस्थी पर 10.34 लाख रुपए का गबन करने का आरोप है।
इन्होंने तीन ग्राम पंचायतों के अभिलेख नहीं दिखाए हैं। सरसौल ब्लाक में तैनात रहे शाश्वत श्रीवास्तव पर एक ग्राम पंचायत में 5.89 लाख रुपए का गबन करने का आरोप है। सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए संबंधित एडीओ पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं।
डीपीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि लगातार एक वर्ष से नोटिस जारी की जा रही थी। इन सचिवों ने कोई अभिलेख नहीं जमा किए। तीनों सचिवों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश एडीओ पंचायतों को दिए गए हैं।