
संवाददाता
कानपुर। नरवल कस्बे में आयोजित भागवत कथा में कथावाचक पंडित आशीर्वाद जी महाराज ने कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कथा बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों, सभी के लिए है और यह जीवन जीने की शिक्षा देती है।
महाराज ने बताया कि भगवान श्रीराम ने मनुष्य को शिक्षा देने के लिए अवतार लिया था। भगवान राम और कृष्ण के चरित्र हमें भाई-भाई, बहन-भाई और बच्चे-माता-पिता के कर्तव्य समझाते हैं। राम कथा और भागवत कथा से जीवन और कर्तव्यों का सही ज्ञान मिलता है।
उन्होंने कथा श्रवण के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। बचपन में सुनी कथा जवानी सुधारती है, जवानी में सुनी कथा बुढ़ापे को संवारती है, और बुढ़ापे में सुनी कथा मृत्यु को भी सुधार देती है।
पंडित आशीर्वाद जी महाराज ने भगवान के नाम जप और स्मरण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जितना आप भगवान को पहचानेंगे, भगवान भी उतना ही आपको पहचानेंगे। उन्होंने भागवत कथा को भगवान का परिचय करवाने और भक्त को शीघ्रता से भगवान से जोड़ने का माध्यम बताया।
महाराज ने कहा कि जो नहीं करने पर भी सब कुछ कर रहा है, और करने पर भी कुछ नहीं कर रहा है, उसे हम लोग भगवान कहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज के नैतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का महासंगम है।






