December 7, 2025

संवाददाता
कानपुर। 
दीपोत्सव के बाद गंगा घाटों पर भारी गंदगी फैल गई है। छठ पूजा से ठीक पहले हजारों की संख्या में खंडित मूर्तियां, फूल-मालाएं और अन्य पूजा सामग्री घाटों पर बिखरी पड़ी हैं, जिससे दुर्गंध और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
घाटों के किनारे फेंकी गई खंडित मूर्तियां और फूल-मालाएं अब कुत्तों और बंदरों द्वारा इधर-उधर फैलाई जा रही हैं। पॉलिथीन में बंद फूल सड़ने लगे हैं, जिससे तेज दुर्गंध फैल रही है और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ गया है। विशेष रूप से नजफगढ़ गंगा घाट पर यह स्थिति चिंताजनक है।
प्रशासन गंगा स्वच्छता और घाटों की सफाई के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है, लेकिन श्रद्धालु परंपरा का पालन न करते हुए मूर्तियों को खुले में छोड़ रहे हैं। इससे न केवल गंगा की पवित्रता प्रभावित हो रही है, बल्कि पर्यावरणीय संकट भी बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से अपील की है कि मूर्तियों के सम्मानजनक विसर्जन के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। उन्होंने दीपोत्सव जैसे आयोजनों के बाद घाटों की प्राथमिकता के आधार पर सफाई सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि गंगा की पवित्रता और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रह सकें।