आ स. संवाददाता
कानपुर। नगर के प्राणी उद्यान में इस समय भौंकने वाले हिरण को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। कानपुर के प्राणी उद्यान में इस हिरण या काकंड को देखने आने वालों में अलग ही उत्सुकता देखने को मिल रही है।
कानपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.अनुराग सिंह ने बताया की इस डियर को भौंकने वाला हिरण कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब यह चिल्लाता है, तो कुत्तों जैसी भौंकने की आवाज होती है। जंगल में इसकी आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है। यह डाइट के मामले में नॉर्मल हिरण से थोड़ा अलग है। आमतौर पर हिरण हरी घास, हरी पत्तियां खाते हैं, लेकिन बर्किंग डियर मांस भी खाता है। यह एक मात्र ऐसा हिरण है जो मांसाहारी भी है।
डॉ. अनुराग ने बताया की बर्किंग डियर का नेचर कुछ अलग होता है। इसे अलार्मिंग एनीमल के रूप में भी जंगल में माना जाता है। क्योंकि यह जंगल के किनारे के इलाकों में रहते हैं। इनका नेचर झुंड में रहने का होता है। जरा भी खतरा महसूस होते ही यह तेज – तेज चिल्लाने लगते हैं। कुत्तों जैसी आवाज होने के कारण जंगल में एक किलोमीटर तक उनकी आवाज जाती है। जिससे अन्य जानवरों को खतरा होने का एहसास हो जाता है।
कानपुर के चिड़ियाघर में बर्किंग डियर को लेकर खास कर युवा दर्शकों में उत्साह दिखाई दिया। भौंकने वाले हिरण को लेकर उनके मन में उत्सुकता बनी हुई है ।