October 23, 2024

–32 माध्यमिक विद्यालयों में अग्निशमन मानकों का प्रयोग नही।

ओसामा रसूल

कानपुर। नगर में अग्नि घटनाएं लगातार प्रकाश में आती है। प्रायः यह देखा जा रहा है अधिकतम लोग सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर लाखों रुपयों में दुकानें और आवासीय फ्लैट मानक विहीन अवैध बहुमंजिला इमारतों में खरीद लेते है जिसके फलस्वरूप भयावह अग्निघटनाओं से जान गंवा बैठते है। जिसका उदाहरण सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर सैकड़ों दुकानें बनाए जाने पर थाना अनवरगंज अंतर्गत हमराज कॉम्प्लेक्स के साथ चार टावरों में भयावह अग्नि घटना घटित हुई थी, जिसमे हजारों करोड़ के नुकसान के साथ जनहानि भी हुई थी। इसी क्रम में आरटीआई के माध्यम से मांगी गई सूचना से ज्ञात हुआ है कि नगर के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत भवन संख्या 15/200 सी (1) सिविल लाइन्स कानपुर नगर में संचालित सेन्ट्रल बैंक ऑफ इडिया में भी अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया गया है। जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आवागमन है। 

इतना ही नहीं नगर में अधिकतम बहुमंजिला इमारतों में अग्नि सुरक्षा के मानकों को दरकिनार कर व्यवसायिक इकाइयां संचालित हो रही है, जिसमे ज्यादातर इमारतें चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज, मूलगंज घनी बस्ती के बीच में स्थित है। जहां

लोगों ने निजी अस्पताल तक खोल डाले है और ओपीडी, आईसीयू, एनआईसीयू के साथ साथ भूगर्भ तल में पैथोलॉजी भी चल रही है। ऐसा ही एक अस्पताल चमनगंज क्षेत्र में मनामा हॉस्पिटल के नाम से नितांत गैर कानूनी रूप से संचालित हो रहा है। 

साथ ही अनवरगंज क्षेत्र में कादिर बैंक्वेट के नाम से एक मैरिज हाल नितांत गैर कानूनी रूप से भूगर्भ तल और भूतल में संचालित हो रहा है, जिसमे किसी प्रकार के सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं किया गया है।

इसके साथ ही नगर में संचालित हो रहे अनुदानित अधिक्तर विद्यालयों में आग से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नही है इस विषय पर आरटीआई एक्टिविस्ट रफत महमूद ने जिला विद्यालय अधिकारी से जानकारी मांगते हुए अवगत कराया था। जिसको ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नगर के सभी विद्यालयों में जाँच कराई जिसमे अनेकों विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र लगाए नही गये थे। तत्पश्चात इसको अनिवार्य कर दिया गया लेकिन इसका कोई असर सुधार प्रक्रिया में नही दिखा तत्पश्चात जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक से उन विद्यालयों की सूची मांगी जिनमे अभी तक अग्निशमन यंत्र नही लगे है। इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने अग्निशमन अधिकारी को अग्निशमन प्रमाणपत्र निर्गमित करने वाले अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि जानने के लिए पत्र सौंपा। जिसके बाद जो आंकड़े खुल कर आये वो चौकाने वाले थे अग्निशमन प्रमाण पत्र पर 32 विद्यालय ऐसे थे जिनमें अभी तक अग्निशमन यंत्र नही लगाए गए है। और गहन जांच करने पर पता चलता है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह अनिवार्यता के बारे में सभी विद्यालयों और अग्निशमन विभाग को सूचित करा था। परंतु अभी तक इन 32 विद्यालयों में अग्निशमन यन्त्र नही लगाए गए है। इससे साफ है कि बच्चो की जीवन सुरक्षा के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहा है। संबंधित प्रकरण में महीनों गुजर जाने के बाद जन सूचना के माध्यम से अग्निशमन विभाग से जानना मांगी गई की क्या कार्यवाही हुई है। तो जांच प्रक्रिया में सिर्फ 5 अस्पतालों की जांच करवाई गई। और रिपोर्ट लगा दी गयी। जबकि इस प्रकरण में जिला विद्यालय अधिकारी ने स्कूलों में अग्निशमन यंत्र लगवाने के और उन्हें चेक करने का आदेश पारित किया था। लेकिन ऐसा नही किया गया बल्कि इसकी जगह अस्पतालों में चेकिंग की गई और उसमें भी सिर्फ 5 अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। और रिपोर्ट लगा दी गयी। विद्यालयों का तो कही नाम ही नही लिया गया न कोई कार्यवाही करी गई।