October 23, 2024

कानपुर। रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर रखकर ट्रेन उडाने की साजिश का खुलासा करने के लिए एटीएस की टीमों ने प्रेमपुर स्टेशन में डेरा डाल दिया है। एटीएस इस मामले में पर्दाफाश करने तक यहीं पर रुककर कार्य को अंजाम देगी। मामले में मुकदमा दर्ज करके जांच कर रही जीआरपी ने 56 संदिग्धों की सूची तैयार की और 8 को पूछताछ के लिए उठाया है।साथ ही सिलेंडर रिफिल करने वालों के यहां छापेमारी करके पूछताछ का सिलसिला जारी है। फिलहाल 48 घंटे बाद भी पुलिस, जीआरपी और जांच एजेंसियों के हाथ खाली हैं।दिल्ली हावड़ा रूट के प्रेमपुर स्टेशन पर रविवार को लूप लाइन में 5 किलो का सिलेंडर रखकर ट्रेन को पलटाने या विस्फोट की साजिश की जांच जीआरपी ने शुरू कर दी है। क्योंकि इस बार जीआरपी ने मामले में एफआईआर दर्ज की है। जबकि शिवराजपुर में कालिंदी एक्सप्रेस के आगे सिलेंडर रखकर उड़ाने की साजिश और गुजैनी में साबरमती को डिरेल करने के मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट एफआईआर दर्ज करके जांच कर रही है।जांच एजेंसियां इसे शरारत मानकर चल रही हैं। रेलवे की ओर से सीनियर सेक्शन इंजीनियर विश्राम मीणा ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में जीआरपी ने जांच शुरू कर दी है। जीआरपी ने सोमवार को प्रेमपुर और बड़ा गांव के प्रधानों से संपर्क किया। जीआरपी ने 56 लोगों की सूची बनाई और 8 संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है।कानपुर में 38 दिन के भीतर तीसरी बार ट्रेन को पलटाने या उड़ाने की साजिश करने के बाद जांच एजेंसियों ने कानपुर में डेरा डाल दिया है। लखनऊ एटीएस से अफसरों की टीम पहुंची है जो लोकल यूनिट के साथ पूरे मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।आईबी ने भी मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है, लेकिन एनआईए ने इस केस में शरारत या छोटा मामला समझकर अभी तक इस केस को लेकर कोई जांच नहीं शुरू की है।दोपहर से शाम तक जीआरपी, आरपीएफ व महाराजपुर पुलिस की टीमें प्रेमपुर व बड़ागांव पहुंचकर सुराग तलाशने में जुटी रहीं। दोनो गांवों में ग्रामीणों की मदद से ऐसे दुकानदारों को चिन्हित किया गया जो ठेला लगाते हैं और छोटे सिलेंडरों का प्रयोग करते हैं।इसके साथ ही गैस रिफिलिंग करने वालों के यहां भी सख्ती से जांच-पड़ताल की जा रही है। दुकानदारों से हाल ही में किसी ने सिलेंडर तो नहीं खरीदा…? खरीदा तो वो कौन लोग थे, उनका नाम पता या हुलिया से जांच की जा रही है। ऐसे दुकानदारों के घरों में तलाशी ली गई। सिलेंडरों की जांच की गई। एक-एक दुकानदार से गहन पूछताछ की गई।वहीं प्रेमपुर चौराहे पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में लगे सीसी फुटेज खंगाले गए। यहां शनिवार शाम से लेकर रविवार सुबह तक के फुटेज जांचे गए। दुकानों व घरों में भी लगे सीसी कैमरों को खंगाला गया। कुछ संदिग्धों के बारे में भी जानकारी हुई है। तलाश की गई लेकिन वो घरों में नहीं मिले। फिलहाल अभी तक की जांच में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है।डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ प्रेमपुर स्टेशन पहुंचे। लूप लाइन पर जाकर घटनास्थल देखा। यहां पर वह लगभग 15 मिनट तक रुके। इसके बाद ट्रैक के किनारे-किनारे जांच करते हुए स्टेशन पहुंचे। यहां पर रेलवे कर्मचारियों से बातचीत कर जानकारी ली।उन्होंने यहां प्रतिदिन रुकने वाली चारो पैसेंजर ट्रेनों के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली कि ये ट्रेने कब आती और जाती हैं। किस प्लेटफार्म पर कौन सी ट्रेन रुकती है। साथ में आरपीएफ व स्थानीय पुलिस भी मौजूद थी।