आ स. संवाददाता
कानपुर। जाजमऊ स्थित राजा ययाति का किला, नागेश्वर सिद्धपुरी धाम मंदिर और बुढ़िया घाट पर हुए अतिक्रमण को समाप्त करने के लिए राज्य पुरातत्व विभाग की निदेशक ने टीम गठित करने के आदेश जारी किए हैं। डीएम को जारी किए गए पत्र में बताया गया है, कि जाजमऊ के प्राचीन स्थान से 2800 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं। जिस पर आने वाली पीढ़ियों के लिए पुरातात्विक अध्ययन के लिए स्थान को सुरक्षित करना आवश्यक है।
यहां पर राजा ययाति के किले पर अतिक्रमण कर कब्रिस्तान व मजार बना दी गई हैं। किले के आसपास अराजकतत्वों का जमावड़ा लगता हैं। कूड़े के ढेर के कारण गंगा किनारे स्थित बुढ़िया घाट के अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है। आलम यह है कि घाट की सीढ़ियां व मंदिर कूडे़ के ढेरों में खो गया है। इसके साथ ही नागेश्वर सिद्धपुरी धाम मंदिर पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है।
प्राचीन सभ्यता का उल्लेख करने वाले इन स्थानों का स्वरूप वापस कराने के लिए सनातन मठ मंदिर रक्षा समिति के सदस्यों ने पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को ज्ञापन सौंप शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्होंने पुरातत्व विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे।
इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग की निदेशक रेनू द्विवेदी ने इन मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कानपुर जिला प्रशासन को पत्र जारी कर पुलिस विभाग व राजस्व विभाग की टीम गठित करने के निर्देश जारी करे है ।