कानपुर। उर्सला अस्पताल में डयूटी के समय जेआर से छेडछाड करने वाले चिकित्सक को वरिष्ठ् चिकित्सकों की जांच में दोषी पाया गया है। 3 सदस्यी्य वरिष्ठं चिकित्सको की टीम ने दोषी पाए चिकित्सक को तत्काल प्रभाव से विभाग से हटाने की संस्तुति की है। इस पूरे प्रकरण पर तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम ने जांच की थी। जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, डीएम, सीएमओ, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को दी गई है। वहीं उर्सला के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने दोषी डॉक्टर को अस्पताल से हटाने की संस्तुति शासन से की है।हैलट की नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. शालिनी मोहन, उर्सला के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र तिवारी व डफरिन अस्पताल की मंजू सचान जांच टीम शामिल थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि जेआर द्वारा जो आरोप लगाए गए है वो पूर्णतया सही हैं।जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की महिला जेआर की तैनाती अक्तूबर से दिसंबर तक उर्सला अस्पताल में जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम में थी। जेआर ने ड्यूटी उर्सला के एक नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में की। ड्यूटी खत्म होने के बाद भी डॉक्टर मोबाइल व व्हाट्सएप के जरिए जेआर से संपर्क करता था। 8 व 13 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के न्यू मैरिड हॉस्टल में रह रही जूनियर डॉक्टर के कक्ष में छेड़छाड़ के इरादे से पहुंच गए था। जेआर ने इसकी शिकायत विभागाध्यक्ष डॉ. शालिनी मोहन से दर्ज कराई थी। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि डॉक्टर दिन में भी शराब के नशे में रहता है।उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर की इस करतूत से अस्पताल की छवि का धूमिल हुई है। इससे पहले भी ये डॉक्टर कई विवादों में आ चुके हैं। इन्हें अस्पताल से हटाने के लिए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया है। पत्र में साफतौर पर लिखा है कि छह साल से उर्सला में कार्य कर रहे डॉक्टर की करतूत से अस्पताल ही नहीं बल्कि सरकार की भी छवि धूमिल हो रही है।