कानपुर। जिले में मुस्लिम वक्फ बोर्डों में अगर जमीनों का आकलन के आधार पर सुन्नी और शिया वक्फ बोर्डों की अलग से पहचान की जाए तो सुन्नी समुदाय के पास सबसे अधिक सम्पत्ति निकलेगी। नगर में मुस्लिम वक्फ बोर्डों के लगभग 2674 संपत्तियां हैं। इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास ही अकेले 2602 के करीब संपत्तियां हैं और शिया वक्फ बोर्ड के पास 72 के करीब संपत्तियां हैं। पुराने कानपुर में बसे मुस्लिम समुदायों के बीच सदर तहसील में वक्फ की सबसे अधिक जमीनें पंजीकृत हैं। ग्वालटोली, परेड के आसपास के क्षेत्रों में कई सम्पत्तियां वक्फ बोर्ड की है। इसमें ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान, मुस्लिम यतीमखाना समेत कई सम्पत्तियां शामिल हैं। लोकसभा में वक्फ कानून में संशोधन के लिए बिल पेश किया गया है। कानपुर में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक सम्पत्तियां हैं। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी पवन सिंह के मुताबिक विभाग में वक्फ के पास सर्वे कराये जाने के बाद का रिकॉर्ड है। कानपुर में 2674 संपत्तियां हैं। जमीन का लैंड एरिया कितना है, इसकी जानकारी नहीं है।लेकिन वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति सबसे अधिक मुस्लिम क्षेत्रों में है। ये ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में हैं और प्राइम लोकेशन पर होने की वजह से इनकी कीमत सबसे ज्यादा हैं। मुस्लिम यतीमखाना, नवाबगंज स्थित मस्जिद खैरात अली, नील वाली गली में एक सम्पत्ति, परेड स्थित वक्फ मस्जिद खलवा, कब्रिस्तान मकबरा और दरगाह पार्वती बागला रोड, फजलगंज स्थित हाता फजल हुसैन, अनवरगंज शेख अब्दुल रहीम शुन्नी बोर्ड की है। शिया वक्फ के नाम ग्वालटली स्थित नवाब बहादर, कर्नलगंज स्थित हादी बेगम व सरदार बेगम, ग्वालटोली सुटरगंज स्थित वक्फ हाजी मोहम्मद अली खां है।