July 1, 2025

संवाददाता

कानपुर।   डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच विवाद में विपक्षी दल भी कूद गए हैं। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीएम और सीएमओ के बीच चल रहे विवाद के हुए राजनीतिकरण पर सवाल किया गया तो अखिलेश ने कहा पहले सुनते थे डीसीएम और ओसीएम के बीच टकराव था। मगर अब तो डिब्बे भी टकरा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री आउटगोइंग सीएम हो गए हैं। पहले इंजन टकरा रहे थे, फिर डिब्बे टकराने लगे और गार्ड के डिब्बे भी टकराने लगे हैं। अब अफसर भी टकरा रहे हैं। उसी का परिणाम है कि कोई लूटा जा रहा है, कोई पीटा जा रहा है।
कानपुर की आर्य नगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि हम दर्शक बनकर देख रहे हैं। अधिकारियों के विवाद में आम आदमी ठगा जा रहा है। सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करती है, जबकि अधिकारियों का विवाद ये दर्शाता है कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है।
विधायक ने आगे कहा कि ये लड़ाई असल में डीएम और सीएमओ की नहीं है। ये लड़ाई मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के बीच की है। जो विधायक जिस गोल का है, उसी अधिकारी के पक्ष में लेटर लिख रहा है। जनता सब देख रही है और बर्दाश्त कर रही है।
सपा विधायक मो. हसन रूमी ने मामले में बताया कि कानपुर डीएम ने कांशीराम अस्पताल का निरीक्षण किया था और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का प्रयास किया था। स्वास्थ्य सेवाएं कानपुर में अच्छी नहीं हैं। आम आदमी इलाज कराने के लिए परेशान है। मेरा डीएम और सीएमओ से कोई लेनादेना नहीं है। लेकिन डीएम के कार्यों की सराहना करते हैं।
सीएमओ को स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना चाहिए था। व्यवस्थाओं को ठीक न करके सीएमओ ने इसका राजनीतिकरण कर दिया। जनता को जो लाभ पहुंचना चाहिए था, वो नहीं पहुंच रहा है। विपक्ष के विधायक डीएम के साथ हैं।
डीएम और सीएमओ के विवाद में कांग्रेस भी कूद गई है। कानपुर ग्रामीण कांग्रेस से जिलाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने राज्यपाल को संबोधित पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने विवाद की जानकारी देते हुए कहा कि दो वरिष्ठ अधिकारियों की लड़ाई में जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। लोगों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। मामले में उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए।
विवादित ऑडियो सामने आने के बाद कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच उपजा विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और दो भाजपा विधायक सीएमओ के पक्ष में हैं तो बिठूर विधायक अभिजीत सिंह ने सीएमओ को भ्रष्टाचारी बताते हुए सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है।
इसके अलावा विधायक महेश त्रिवेदी ने भी मुख्यमंत्री को सीएमओ के खिलाफ पत्र लिखा है। इससे भाजपा विधायकों में ही दो फाड़ हो गई है।
जबकि विधायक सुरेंद्र मैथानी और एमएलसी अरुण पाठक ने सीएमओ को कानपुर में ही रखने के लिए डिप्टी सीएम को पत्र लिखा है। सीएमओ को ईमानदारी अधिकारी भी बताया है। वहीं डीएम भी शासन को सीएमओ को हटाने के लिए पत्र लिख चुके हैं।