April 17, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  तात्याटोपे नगर के मयंक चौराहे के पास स्थित खाली प्लॉट में 19 मार्च को मिले युवक का शव हत्या के बाद फेंका गया था। मामले में गुजैनी पुलिस ने नशे में युवक की मौत होने की आशंका बता कर शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर वार करने से मौत की पुष्टि हुई, तो पुलिस के कान खड़े हुए।
जांच शुरू कर सीसीटीवी खंगाले गए तो पुलिस के हाथ एक फुटेज मिली, जिसमें तीन युवक मृतक को कंधे पर लाद कर ले जाते हुए दिखाई दे रहे है। आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद घटनास्थल से 50 मीटर दूर तक मृतक को कंधे में टांग कर ले गए। पुलिस ने मृतक के पिता की तहरीर पर 3 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करके एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, वहीं 2 आरोपियों पर 25 हजार कर इनाम घोषित किया गया है।
गुजैनी थाना क्षेत्र के तात्याटोपे नगर के मयंक चौराहा के पास रोड किनारे खाली पड़े प्लॉट में बीते 19 मार्च को एक शव पड़ा मिला था। सूचना पर गुजैनी पुलिस पहुंची तो शव की शिनाख्त न हो पाने पर उसे मॉर्चुरी भिजवा दिया गया, जबकि प्लॉट में घिसटने के निशान थे, लेकिन पुलिस की ओर से कोई मशक्कत नहीं की गई।बताया गया कि युवक नशेबाज था। 

वहीं गुजैनी के मर्दनपुर गांव निवासी विशम्भर नाथ का बेटा राजेश माली उर्फ जहरीला घर नहीं पहुंचा। सोशल मीडिया के जरिए शव मिलने की सूचना मिली तो परिजन गुजैनी थाने पहुंचे। वहाँ पुलिस ने कपड़े दिखाकर शिनाख्त कराई। गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम हुआ तो उसमें सिर पर भारी वस्तु से वार करने से मौत की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने घटना स्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए तो 3 लोग एक व्यक्ति को कंधे पर टांग कर ले जाते दिखाई दिए।
पुलिस राजेश माली को कंधे में टांग कर जाते दिख रहे गुजैनी निवासी शीलू उर्फ शिवनाथ तक पहुंची तो उसने बताया कि गुजैनी गांव में मान सिंह के घर पर वह अपने साथी सनी और राजेश के अलावा राजेश माली के साथ शराब पी रहा था।
नशे में धुत होकर राजेश गाली गलौज करने लगा, जिस पर उन लोगों ने ईंट–पत्थर से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। इसके बाद सभी ने उसे कंधे पर उठाकर कुछ दूर पड़े खाली प्लॉट में फेंक दिया। एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि नशेबाजी में हत्या हुई है। एक को गिरफ्तार कर अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है।
एडीसीपी ने बताया कि मामले के खुलासे में ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत लगाए गए कैमरों से मदद ली गई। टीम ने करीब 80 सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसके बाद सफलता हाथ लगी।