August 3, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
बिधनू के स्वास्थ्य केंद्र में बुजुर्ग को भर्ती कराने के बहाने छोड़ जाने के मामले में नया मोड़ आया है। अखबार में खबर पढ़ने के बाद बुजुर्ग के बेटी-दमाद हैलट अस्पताल पहुंचे और उन्होंने डॉक्टरों का धन्यवाद किया।
बिधनू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को उनकी बेटी और दामाद इलाज के लिए लेकर आए थे। दोनों दवा लेने के बहाने बाहर गए और फिर वापस नहीं लौटे। बुजुर्ग काफी देर तक अस्पताल में दर्द से तड़पते रहे। केंद्र के डॉक्टर और स्टाफ ने उन्हें इलाज के बाद हैलट रेफर कर दिया था।
पतिहुरिया पनकी निवासी दीपक प्राइवेट नौकरी करते हैं। 4 साल पहले गोविंद नगर निवासी पूजा से उनका विवाह हुआ था। इसके बाद से दीपक के 65 वर्षीय ससुर सुरेश कुमार बेटी के ससुराल में ही रहने लगे थे।
दीपक ने बताया कि ससुर सुरेश कुमार पहले गोविंद नगर में किराए के घर में रहते थे, लेकिन लिवर खराब हो जाने के कारण कई सालों से वह हमारे घर पर पनकी में रहने लगे थे। बुधवार को ससुर को दवा दिलाने के लिए बिधनू सीएचसी ले गए थे।
वहां पर ससुर को यह कह कर छोड़ दिया कि तुम दवा लेकर घर आ जाना, हम गेंहू की कटाई कराकर आते हैं। इसके बाद जब उनके ससुर की हालत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने 108 एंबुलेंस से उन्हें हैलट रेफर कर दिया।
दीपक ने बताया कि देर रात तक जब ससुर घर नहीं पहुंचे तो हम लोग सीएचसी गए। वहां पता चला कि वो उर्सला भेजे गए है। रात में भी उर्सला पहुंचे तो पता चला कि वहां पर भी कोई नहीं हैं। इसके बाद सुबह अखबार पढ़ा तो अपने रिश्तेदारों को लेकर वह हैलट पहुंचे और डॉक्टरों को पूरी घटना बताई।
अस्पताल में बताया गया कि मरीज जब एबुलेंस से हैलट इमरजेंसी पहुंचा तो उसकी हालत काफी गंभीर थी। मेडिसिन विभाग की डॉ. रीना सिंह के अंडर में मरीज को तुरंत भर्ती किया गया। इसके बाद डॉ. अर्पित मिश्रा, डॉ. शिवानी, डॉ. अलंकिता और डॉ. हर्ष ने बुजुर्ग का इलाज किया।
प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि मरीज को लिवर की समस्या थी और वह बेहोशी की हालत में था। अगर थोड़ी देर और हो जाती तो शायद मरीज की जान पर भी आ सकती थी। 

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