आज़ाद संवाददाता

कानपुर। यौन शोषण पीड़िता आईआईटी स्कॉलर ने फिर सस्पेंड एसीपी मोहसिन पर गंभीर आरोप लगाए। पुलिस को दी शिकायत में छात्रा ने कहा है कि मोहसिन मेरा धर्मांतरण कराना चाहता था।
मोहसिन, उसकी मां और पत्नी उस पर जबरन इस्लाम धर्म अपनाने और निकाह करने का दबाव डाल रही थीं। जब मैंने मना कर दिया, तब उसकी पत्नी मेरे खिलाफ कोर्ट गई। पुलिस ने इस शिकायत पर भी मोहसिन और उसके परिजनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
एसीजेएम कोर्ट ने रावतपुर थाना पुलिस को आईआईटी छात्रा के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद छात्रा ने कल्याणपुर थाने में नई शिकायत दी।
पुलिस को दी शिकायत में आईआईटी छात्रा ने कहा है कि सस्पेंड एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान ने आईआईटी से पीएचडी में दाखिला लिया था। इसके बाद छात्रा से उसकी मुलाकात हुई। उसने खुद को अविवाहित बताकर उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया। इसके बाद शादी का झांसा देकर महीनों यौन उत्पीड़न किया। शादीशुदा होने की जानकारी मिलने पर छात्रा ने मोहसिन के खिलाफ कल्याणपुर थाने में 12 दिसंबर 2024 को शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
छात्रा ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मुझ पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। मोहसिन की मां नसीम बानो ने बार-बार मुझे कॉल कर भावनात्मक रूप से प्रभावित करने का प्रयास किया।
उन्होंने मुझे अपनी बेटी कहकर पुकारा। मोहसिन से विवाह करवाने का वादा किया। मुझसे यह अपेक्षा की कि मैं उनके वर्तमान विवाह और बच्चे को स्वीकार कर लूं। मेरे पास कॉल के स्क्रीनशॉट्स व ट्रांसक्रिप्ट उपलब्ध हैं। जिनमें यह स्पष्ट है कि उन्होंने मुझ पर दबाव डाला कि मैं अपनी शिकायत वापस लूं। एक बहुपत्नी संबंध को स्वीकार करूं, जो हिंदू व्यक्तिगत कानून के स्पष्ट रूप से विपरीत है।
इतना ही नहीं मोहसिन और उनकी मां ने मुझसे इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया। जब मैंने स्पष्ट रूप से धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया, तो उन्होंने इसका बदला लेने के लिए कोर्ट की मदद से मेरे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की याचिका दाखिल की। कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है।
छात्रा के मुताबिक कोर्ट के सामने झूठा दावा किया गया है कि मैंने मोहसिन की पत्नी सुहैला सिद्दीकी और उनके तीन दिन के नवजात शिशु की हत्या का प्रयास किया। यह आरोप न केवल आधारहीन है, बल्कि मेरे चरित्र और प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने का प्रयास भी है।
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि छात्रा रात 10 बजे कल्याणपुर थाने में सस्पेंड एसीपी और उनके परिवार के खिलाफ शिकायत देने पहुंची थी। इस दौरान छात्रा काफी डरी हुई और भयभीत थी। बार-बार रो रही थी। पुलिस ने उसे कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
इसके साथ ही महिला पुलिस कर्मियों के साथ उसे आईआईटी कैंपस तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद अगर आरोप सही पाए गए तो मोहसिन, उनकी मां और पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
पीड़ित छात्रा ने मुकदमे के आदेश की जानकारी आईआईटी डायरेक्टर को दी। छात्रा ने यहां तक कह दिया कि अगर उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज हुई तो वह जान दे देगी। इसके बाद डायरेक्टर ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से पूरे मामले को लेकर बात की। दूसरी तरफ छात्रा को समझाने के लिए महिला अधिकारी को भी आईआईटी भेजा गया है।
छात्रा ने अब इस मामले में कल्याणपुर थाने में तहरीर देने के साथ ही एससीएसटी आयोग, नेशनल ह्युमेन राइट कमीशन समेत कई जगह मामले की ई-मेल के जरिए भी शिकायत की है। छात्रा ने बताया कि वार्दी का रसूख होने के चलते मोहसिन पर अब तक एक्शन नहीं हो सका है। मैं पीड़ित हूं, उल्टा कोर्ट की मदद से मेरे ऊपर ही एफआईआर का आदेश करा दिया गया है।
इसलिए अब मैंने इस मामले की एससी एसटी आयोग, ह्यूमन राइट कमीशन समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर शिकायत की है। जल्द ही सीएम योगी के जनता दरबार में मुलाकात करके कार्रवाई की मांग करूंगी।
एसीपी की पत्नी ने आईआईटी स्कॉलर पर घर में घुसकर अभद्रता करने और पति को झूठे रेप के मुकदमे में फंसाने की धमकी देने की शिकायत की थी। मंगलवार को कोर्ट ने कहा है कि आदेश के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। कोर्ट ने जांच अधिकारी दरोगा पर कड़ी टिप्पणी की है। आईआईटी स्कॉलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए है।