आज़ाद संवाददाता

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के संस्थापक सदस्यों में प्रमुख जेके समूह से इस बार भी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने या फिर चुने जाने की चर्चा आम हो चली है।वर्तमान अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया का लगभग साढे चार का कार्यकाल पूरा होने के बाद इस साल के अन्त में उन्हे कूलिंग पीरियड में जाना पडेगा तो उनके स्थान पर अभिषेक सिंहानियां को अध्यक्ष पद के लिए चुना जा सकता है।
यूपीसीए के सूत्र बताते हैं कि हालांकि निधिपति अपना पद तो छोडना भी नही चाहते और अगर मजबूरी में छोडना भी पडा तो अपने किसी बेटे को उस सिंहासन पर बिठाने के लिए वह प्रयास कर सकते हैं। वहीं अभिषेक सिंहानिया वैसे भी संघ में आजीवन सदस्य और निदेशक के पद पर पहले से विराजमान हैं।सूत्रों के मुताबिक संस्थापक परिवार के वरिष्ठ सदस्य भी (जो संघ पर अपनी पैनी निगाह भी रखते हैं) अभिषेक सिंहानियां को अध्यक्ष पद पर नियुक्त करवाने की मंशा पाल रहे हैं।गौरतलब है कि वर्तमान अध्यक्ष और दो पूर्व सचिवों के बीच लम्बे समय से संघ के रखरखाव और चयन प्रक्रिया को लेकर खींचातानी चल रही थी जिसमें अध्यक्ष अपनी ओर से किसी भी प्रकार का दबदबा बनाए रखना तो दूर एक सफल मन्त्रणा तक नही कर सके।
वर्तमान अध्यक्ष की संघ के प्रति उदासीनता के चलते अधिकारियों का नियन्त्रण पश्चिमी क्षेत्र के पदाधिकारियों के पास पहुंच गया था जिससे नगर और उससे सटे अधिकारियों का प्रभाव ही बेहद निचले स्तर पर आकर टिक गया था। यूपीसीए का संस्थापक सिंहानिया परिवार एसोसिएशन में एक बार फिर कानपुर लॉबी और अपना दबदबा चाहता है, जो पिछले कुछ समय में पश्चिमी उत्तिर प्रदेश के पास चला गया था।संघ के आजीवन सदस्य भी सिंहानिया परिवार को तवज्जो देने के मूड में दिख रहे हैं और उनकी मंशा साफ तौर पर जाहिर है कि अभिषेक सिंहानिया अगले अध्यक्ष हों। जिससे संघ के मुख्यालय की साख बची रहे। अभिषेक सिंहानिया हाल फिलहाल सम्पन्न हुयी एक नगर की प्रतियोगिता में मुख्य भूमिका में दिखायी दिए थे जिससे उनकी क्रिकेट के प्रति सक्रियता को नजर अन्दाज नही किया जा सकता है।
फिलहाल, एसोसिएशन के अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया हैं। यूपीसीए के निदेशक प्रेम मनोहर गुप्ता के अनुसार आजीवन सदस्य को भी अध्यक्ष पद के लिए चुना जा सकता है। इसमें कोई नियम आड़े नहीं आता है। कोई भी निदेशक किसी भी पद पर चुनाव लडने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है।