March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में 86 जोड़ो ने शादी की । शादी के लिए मंडप, हवन कुंड का इंतजाम था। लेकिन, अधिकांश जोड़ों ने सात फेरों की रस्म को केवल दिखावे के लिए निभाया। दूल्हे मांग में सिंदूर भरने से भी बचते नजर आए।
पूछने पर अधिकांश जोड़ों ने बताया कि उनकी असली शादी कुछ दिनों बाद होने वाली है। इसलिए वे न तो सात फेरे ले रहे हैं न ही मांग भर रहे हैं। ये तो सिर्फ दिखावा है। तयशुदा दिन पर बारात लेकर जाएंगे और धूमधाम से शादी करेंगे।
जोड़ों को एक ट्रॉली बैग, वर-वधू के कपड़े, एक बर्तन सेट, लंच पैकेट और चांदी के गहनों में बिछिया और पायल दी गईं। जिसे लेकर वे चले गए। कई लोगों ने गहनों की क्वालिटी पर भी सवाल उठाए। जाते समय लोगों ने कहा- वे सिर्फ सरकारी अनुदान लेने आए थे।
कानपुर देहात के राजपुर में भारतीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज में एक बड़ा पंडाल लगाया गया था । मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत यहां 86 जोड़ों की शादी कराई गई। 99 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें 4 जोड़े गायब रहे।
इनमें- राजपुर से 13, डेरापुर से 7, झींझक से 23, रसूलाबाद से 35 और नगर पालिका क्षेत्रों से 5 जोड़े शामिल थे। 50% जोड़ों ने शादी की केवल रस्में पूरी की। बाकी ने सिर्फ औपचारिकता निभाई। मौजूद कर्मचारियों ने शादी की रस्में निभाने के लिए उन्हें मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन कई जोड़े फिर भी रस्में पूरी करने से कतराते रहे। कई जोड़े शादी खत्म होने से पहले ही मंडप छोड़ बाहर चले गए। उनके परिजन सामान लेने में जुटे रहे। इस आयोजन के दौरान टेंट के पीछे जोड़ों ने जमीन पर बैठकर खाना खाया।
कानपुर देहात के मुजाऊपुर के गोपाल की उम्र 28 साल है। वे भी शादी करने आए थे। उन्होंने कहा कि मेरी शादी पहले से ही तय है। 25 अप्रैल को मेरी शादी है। घर में तैयारी चल रही है। योजना में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। मैं आज यहां आया था। लड़की भी आई थी।
गोपाल के पिता पप्पू ने बताया, मेरे बेटे की शादी 25 अप्रैल को होगी। हम बारात लेकर जाएंगे। वहीं पर शादी की सारी रस्में होंगी। मेरा बेटा फेरे भी वहीं लेगा। यहां शादी मे मिलने वाला सारा सामान मिल गया है।
रसूलाबाद की मुस्कान (20) ने भी सामूहिक शादी में हिस्सा लिया। मुस्कान की मां ने बताया कि हमने 200 रुपए देकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। 25 मार्च को बेटी की शादी है। लड़का मेरे घर पर बारात लेकर आएगा। घर से ही धूमधाम से शादी करेंगे। हम सिर्फ सम्मेलन में रजिस्ट्रेशन कराकर हिस्सा लेने चले आए है । हमने शादी की आधी अधूरी रस्में ही पूरी की है। बाकी रस्मे बाद में पूरी करेंगे।
रसूलाबाद से आई विमला ने अनुदान में मिली पायलो को हाथ में लेकर दिखाया और कहा कि हमें जो भी गहने  मिले हैं, नकली लग रहे हैं। मीठा भी सही नहीं मिला। सिर्फ सोन-पापड़ी दिया गया है।
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने बताया, जो लोग फेरे नहीं ले रहे थे, उन लोगों को कर्मचारियों द्वारा चिह्नित किया गया है। विवाह की सारी रस्में सकुशल संपन्न कराने का प्रयास किया गया है। 
सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह ने बताया, 99 जोड़े शादी के बंधन में बंधे हैं। जिन जोड़ों ने सही से शादी नहीं की उनके बारे में नहीं पता है। जो भी सामान दिया गया है, सब ओरिजिनल है। अगर शादी में शिकायत आती है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।
अक्टूबर, 2017 से यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की। इसे समाज कल्याण विभाग सम्पन्न करवाता है। इसमें उन्हीं लड़कियों की शादी होती है, जो यूपी की मूल निवासी हों और उनका परिवार गरीब और जरूरतमंद हो। परिवार की सालाना आय दो लाख रुपए से कम हो। ऐसे लोग आवेदन कर सकते हैं। इस बार 513 लड़कियों ने आवेदन किया था।
सामूहिक विवाह की इस योजना में एक शादी पर 51 हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें 35 हजार रुपए लड़की के खाते में भेजे जाते हैं। 10 हजार रुपए के गिफ्ट जोड़े को दिए जाते हैं। इसमें 2 साड़ी का सेट होता है। दूल्हे को पैंट-शर्ट का कपड़ा और पगड़ी मिलती है।
इसके साथ 5 लीटर का प्रेशर कुकर, ट्रॉली बैग, वैनिटी किट, दीवार घड़ी, डिनर सेट दिया जाता है। इस पूरी किट का वजन 8 किलो होता है। इसके अलावा 30 ग्राम की चांदी की पायल, 10 ग्राम की बिछिया दी जाती हैं। बाकी के 6 हजार रुपए प्रशासन शादी करवाने में खर्च करता है।