संवाददाता।
कानपुर। नगर में बना हृदय रोगियों के लिए सबसे बड़ा कॉर्डियोलॉजी हॉस्पिटल, कानपुर में ‘7 रुपए की किट’ से मरीज को फिट कर दिया जाएगा। दिल के मरीजों के लिए यह किट बहुत ही असरदार साबित हुई है। यहां पर आने वाले अधिकतर मरीजों में इस किट का प्रयोग किया जाता है। बल्कि डॉक्टर के मुताबिक किट में शामिल यह दवा हृदय रोगियों के लिए सबसे ज्यादा असरदार साबित हुई है। हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि इस किट को आप घर पर रख सकते हैं। अगर कभी अस्पताल पहुंचने में देरी हो तो तत्काल आप इस किट का प्रयोग करें। कॉर्डियोलॉजी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि कभी-कभी मरीजों को अटैक पड़ जाता है तो ऐसे में उन्हें घर से अस्पताल तक लाने में काफी देर हो जाती है। खास तौर पर सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि जब नसों में खून जम जाता है या खून गाढ़ा हो जाता है तो ऐसे में अटैक पड़ने की संभावना अधिक रहती है। अगर आप घर में सात रुपए की किट हमेशा रखते है तो आपकी जान बचाना डॉक्टरों के लिए आसान हो जाएगा और कभी भी अटैक पड़ता है तो इस दवा का प्रयोग घर पर ही कर ले, ताकि आप अस्पताल तक आसानी से पहुंच जाए। कार्डियोलॉजी अस्पताल के डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि इस किट में तीन दवा होती है। पहले इकोस्प्रिन 75 एमजी, दूसरी अटोरवा 40 एमजी और तीसरी सॉर्बिट्रेट 5 एमजी, इस पूरी किट की कीमत 7 रुपए की होती है। इकोस्प्रिन टेबलेट आपके खून को पतला करती है और अटोरवा टैबलेट खून के साथ कोलेस्ट्रॉल के जमे थक्के को हटाती है। सॉर्बिट्रेट दवा तुरंत असर दिखना शुरू कर देती है, जिससे सीने की सभी नशे फैल जाती हैं। इकोस्प्रिन की दो और आटोरवा की एक टैबलेट पानी के साथ खानी होती है। इसके अलावा सॉर्बिट्रेट की दवा जीप के नीचे रख लेनी होती है। डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि सर्दी का मौसम आ गया है। अब ऐसे में हृदय के मरीजों को काफी सावधानी बरतनी चाहिए, जिनको दिल से संबंधित कोई भी बीमारी हो तो वह इस किट को मंगाकर अपने घर पर परमानेंट रखें रहे। यह दवा हर मेडिकल स्टोर में मिल जाती है। इसको एक साथ लेनी होती है। इसीलिए इसको एक किट का नाम दिया गया है, ताकि लोगों के अंदर जागरूकता आए और वह समय रहते आसानी से अस्पताल तक पहुंच सके, जो भी मरीज इमरजेंसी में आते हैं उन्हें भी हम लोग सबसे पहले यही दवा देते हैं। आपको बता दें कि कभी-कभी इमरजेंसी में एक साथ कई मरीज आ जाते हैं तो ऐसे में काफी अफरा तफरी मच जाती है। यह समस्या ठंड में अधिक होती है। फिर एक-एक कर मरीजों की ईसीजी व अन्य जांच की जाती है।इसमें लगभग 15 से 20 मिनट का समय लगता है, लेकिन तब तक मरीज के सीने में काफी दर्द होता रहता है तो इन सब चीजों से बचने के लिए डॉक्टरों ने इसे एक किट का नाम दिया है, ताकि हृदय के रोगी इस किट के बारे में समझ सके। अगर वह कहीं और इलाज करा रहे हैं तो वहां के डॉक्टर से भी परामर्श करके इस दवा को अपने पास रख सकते हैं। आपको बता दे कि इस किट को ‘सात रुपए की किट’ नाम क्यों दिया गया है, क्योंकि इकोस्प्रिन टेबलेट 5 रुपए की दो मिलती है। अटोरवा वह सॉर्बिट्रेट की दवा एक -एक रुपए की मिलती है, तो टोटल 7 रुपये की यह दवा होती है। इसीलिए इसका नाम ‘7 रुपए की किट’ रखा गया है।