February 3, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर मर्चेन्ट नेवी के नेविगेटिंग ऑफिसर से 3.70 लाख रुपए ठग लिए गए। आरोपी और ऑफिसर की मुलाकात एक क्लीनिक में हुई थी। वहीं पर आरोपी ने ऑफिसर को झांसा दिया।
इतना ही नहीं ऑफिसर को फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर तक दे दिया। जब ऑफिसर लखनऊ नौकरी  ज्वाइन करने पहुंचा। तब उसे धोखाधड़ी की जानकारी हुई। ऑफिसर ने इस मामले में बजरिया थाने में शातिर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है।
लक्ष्मी कालोनी सिविल लाइंस फतेहपुर निवासी सारांश मिश्रा मर्चेन्ट नेवी में नेविगेटिंग ऑफिसर हैं। उनके मुताबिक मार्च 2024 में रामबाग बजरिया स्थित फॉर्च्यून सिटी क्लिनिक में अम्बरीश श्रीवास्तव उर्फ दीपू श्रीवास्तव निवासी शारदा नगर से उसकी मुलाकात हुई थी।
सारांश वहां पर अपने क्रॉनिक पेनक्रियाटाइटिस का इलाज कराने गया था। मुलाकात के दौरान अम्बरीश ने सारांश से उनके काम के बारे में पूछा। मर्चेन्ट नेवी में नौकरी की जानकारी मिलने के साथ ही अम्बरीश ने सारांश से कहा कि मर्चेंट नेवी की नौकरी तो बहुत खराब है। हमेशा पानी वाले जहाज में रहना पड़ता है। अत्यधिक उल्टी होने के कारण यह बीमारी हुई है।
सारांश के मुताबिक अम्बरीश ने उससे कहा कि वो उसकी सरकारी नौकरी सचिवालय लखनऊ में लगवा देगा। उसने अपना परिचय देते हुए कहा कि वो सचिवालय लखनऊ में नौकरी करता है। नौकरी का झांसा देकर अम्बरीश ने सारांश से 3.70 लाख रुपए की ठगी कर ली।
जब नौकरी नहीं लगी तो सारांश ने फिर से अम्बरीश से पूछा। इस बार अम्बरीश ने दो चेक एक लाख और 2.70 लाख रुपए की दी। साथ ही कहा कि अगर नौकरी न लगे तो चेक लगाकर रुपया निकाल लेना।
सारांश के मुताबिक अम्बरीश ने उसे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तक दे दिया। जब वो लखनऊ ज्वाइन करने पहुंचा तो घटना की जानकारी हुई। इसके बाद उसने बैंक में अम्बरीश द्वारा दिए गए चेक लगा दिए। दोनों चेक बाउंस हो गए। जब सारांश ने इसका विरोध किया तब अम्बरीश ने उसे जान से मारने की धमकी दी।
इंस्पेक्टर बजरिया अरविंद कुमार शर्मा के मुताबिक पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपी की तलाश की जा रही है। दस्तावेजों की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।