September 21, 2024

कानपुर। लगातार मानसूनी बारिश और पहाडों से आ रहे पानी के चलते गंगा और पांडु दोनों नदियां उफान पर पहुंच गयी हैं। नदियों में अचानक पानी बढने से लगभग 2 हजार के आसपास घर बाढ़ की जद में आ गए। यहां रहने वाले 10 हजार लोग शिफ्ट किए जा चुके हैं व्यगवस्थार न मिलने पर लोग तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। नगर के वरुण विहार, बर्रा-8 कच्ची बस्ती, मेहरबान सिंह का पुरवा समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। बाढ़ की चपेट में आकर कच्चे मकान ढह गए। पानी के बीच लोग किन हालात में रह रहे हैं।वह तिरपाल के नीचे परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। रात में अचानक पानी बढ़ गया, सोते में जब भीग गए तो घर से भागकर बाहर निकले। पूरे घर में ही पानी भर गया। सिलेंडर तक नहीं निकाल सके।इस वजह से खाना नहीं बना पा रहे, कोई खाना दे देता है तो खा लेते हैं। बीमार भी पड़ गए हैं। पूरे इलाके में गर्दन तक पानी भरा हुआ है। खुद तिरपाल खरीद कर झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है। बच्चे भूखे न रहे, इसलिए उन्हें अपने से अलग कर गांव भेज दिया। दो दिन से सड़क किनारे रात गुजार रहे, लेकिन अब तक कोई पूछने नहीं आया।बाढ़ का पानी लगातार चढ़ रहा है। बाढ़ से पहले ही हमने घर के बाहर मलबा डलवाया, नहीं तो घर डूब जाता। रात में अभी घर में ही रह रहे हैं। लेकिन पूरी रात जागते हुए ही बीत रही है। डर लगा रहता है कि रात में पानी चढ़ न जाए और घर छोड़कर जाना पड़े।गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार रात गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से चंदीपुरवा के घरों के किनारे तक पानी पहुंच गया। भगवानदीन पुरवा गांव के पास तक पानी पहुंच गया। लोगों ने घर का सामान ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट किया है।पानी  तेजी से गंगा की तरफ से आने वाले रास्तों में बढ़ रहा है। कहीं-कहीं करीब 3- 4 फीट तक पानी रास्ते मे भर गया। पहली बार इतनी तेजी से जलस्तर बढ़ा है कि एक ही दिन में गांव के सब्जी के खेतों और रास्ते मे पानी भरने के बाद चंदीपुरवा के घरों तक पहुंच गया। ट्रीटमेंट प्लांट से दयाल फार्म हाउस जाने वाले रास्ते पर सबसे ज्यादा पानी भर गया है। अगर इसी तरह जलस्तर बढ़ा तो सुबह तक दुर्गापुरवा, गिल्लीपुरवा, मक्कापुरवा, लक्ष्मणपुरवा गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच सकता है।निचले  इलाकों की भिंडी, तरोई, लौकी बेगन कि फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों ने बाढ़ के पानी को खेतों और गांव में घुसने से रोकने के लिए गिल्लीपुरवा के पास नोन नदी के पास से आने वाले रास्ते पर जेसीबी से मिट्टी डलवाई। तहसीलदार ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को सचेत रहने और बाढ़ से निपटने के उपायों के बारे बताया।जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए लेखपाल अमित कुमार दीक्षित, उदयभान, राजस्व निरीक्षक प्रमोद सेंगर को तैनात किया गया। गुरुवार  शाम कैंप में करीब 70 लोगों ने खाना खाया था। कैंप में सबके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई, लोग खाना खाकर चले जाते है।कैंप में अन्य लोगों को ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। अभी 2 हाल में लोगों को ठहराया गया है। अन्य लोगों के आने पर स्कूल के दो और हाल में व्यवस्था की जाएगी।मंगलवार को भीषण बारिश से पांडु नदी का बढ़ा जलस्तर गुरुवार तक कम नहीं हुआ। लेखपाल ने बताया कि गुरुवार को सुबह जलस्तर थोड़ा कम हुआ था। वरूण विहार, बर्रा-8 कच्ची बस्ती में भरा पानी कम नहीं हुआ। बर्रा विश्वबैंक आई-ब्लॉक स्थित कंपोजिट विद्यालय में जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत कैंप में करीब पांच से सात परिवारों के करीब 30 से 40 लोग गुरुवार तक पहुंचे थे, जिनमें राजकुमार कश्यप, प्रेमचंद्र कश्यप, राजू व बाबू कश्यप के परिवार राहत कैंप में मिले। यहां लोगों को खाना दिया जा रहा है।

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