संवाददाता।
कानपुर। नगर में हैलट अस्पताल में अब एक ही जगह मरीजों को सभी तरह की जांचे मिलेंगी। जांच के नाम पर अब मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए हैलट इमरजेंसी के पास तीन मंजिल का डायग्नोस्टिक हब का निर्माण होगा। निर्माण कार्य अक्तूबर से शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए पहले टेंडर डाले जाएंगे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि शासन ने इसके लिए 8.86 करोड़ रुपये की स्वीकृत कर दी है। जल्द ही इसका निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा, ताकि मरीजों को उतनी जल्दी सेवाएं मिल सकें। यह काम मरीजों की सुविधाओं को देखते हुए कराया गया है। हब बनने के बाद मरीजों को जांच के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकना नहीं पड़ेगा। एक ही इमारत में सभी जांच होगी। हैलट अस्पताल में आने वाले मरीजों को अभी जांच कराने के लिए इधर से उधर बिल्डिंगों के चक्कर लगाने पड़ते है। खून की जांच के लिए अलग जाना पड़ता था और एक्सर या अन्य जांच के लिए अलग बिल्डिंग में जाना पड़ता है। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बिल्डिंग के निर्माण के बाद मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। तीमारदारों के साथ ही मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा यूजर चार्ज जमा करने के लिए भी तिमारदारों को अलग-अलग लाइन लगानी पड़ती थी। लेकिन अब एक ही जगह पर यूजर चार्ज जमाकर के मरीज अपनी सारी जांचे करा सकता है। तीमारदारों को इन सब झंझट से बचाने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने डायग्नोस्टिक हब बनाने का प्रस्ताव तैयार कर जगह चिन्हित की थी। इसके बाद वह प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे शासन ने स्वीकृत कर 8.86 करोड़ की मंजूरी दे दी है। इसके बेसमेंट में सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच होगी। भूतल में रिसेप्शन, कैश काउंटर व वेटिंग एरिया होगा। पहले और दूसरे तल पर पैथोलाजिकल लैब व जांच की सुविधा होगी। टोकन नंबर के आधार पर मरीजों की जांचे की जाएंगी। डॉ. संजय काला ने बताया कि हैलट इमरजेंसी के पास रोटरी क्लब का रैन बसेरा बना है, जिसका ध्वस्तीकरण कराया जाएगा। इसके बाद उसी स्थान पर डायग्नोस्टिक हब की तीन मंजिला इमारत का निर्माण होगा। शासन ने इस भवन के निर्माण के लिए पांच करोड़ 56 लाख रुपये दिए हैं। इसके अलावा तीन करोड़ रुपये से उपकरण खरीदे जाएंगे और 20 लाख रुपये से कंप्यूटर व फर्नीचर लिए जाएंगे।