संवाददाता।
कानपुर। हैलट अस्पताल में पुलिस को चकमा देकर फरार उरई के शातिर अपराधी जितेंद्र परिहार उर्फ शैलेंद्र को दोबारा मुठभेड़ में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया। शातिर इलाज के दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को चकमा देकर भाग निकला था। लेकिन जालौन की एसओजी और कुठौंद थाने की पुलिस ने अपने नेटवर्क से शातिर को दोबारा घेराबंदी की और पैर में गोली मारकर अरेस्ट कर लिया। उरई कोतवाली पुलिस ने बीते 10 नवंबर यानी धनतेरस के दिन शातिर अपराधी जितेंद्र परिहार उर्फ शैलेंद्र को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारकर अरेस्ट किया था। हालत बिगड़ने पर उसे हैलट अस्पताल में एडमिट कराया गया था, लेकिन शातिर पुलिस को चकमा देकर अगले ही दिन 11 नवंबर को अस्पताल से भाग निकला था। लापरवाही करने में दो कांस्टेबलों को सस्पेंड भी किया गया था। शातिर की तलाश में जुटी उरई एसओजी प्रभारी और कुठौंद थाने की पुलिस ने इनपुट के आधार पर बुदेंलखंड सर्विस रोड पर चेकिंग कर रही थी। इस दौरान बाइक सवार फरार शातिर अपराधी जितेंद्र परिहार उर्फ शैलेंद्र को रोका तो उसने फिर से पुलिस पर सीधे फायर झोंक दिया। पुलिस ने घेराबंदी की और उसके दूसरे पैर में गोली मारकर उसे दोबारा अरेस्ट कर लिया। शातिर के पास से तमंचा और कारतूस भी बरामद हुआ। अब उसे शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा। शातिर जितेंद्र परिहार उर्फ शैलेंद्र एसटीएफ अफसर बनकर लूटपाट करता था। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में 22 मुकदमें दर्ज हैं। फरार चल रहा शातिर पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था। इससे झल्लाई पुलिस ने दोबारा उसके दूसरे पैर में गोली मारकर अरेस्ट कर लिया। इससे कि अब दोबारा वह अपराध करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। हैलट अस्पताल से भागने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से काफी इनपुट मिल गया था। इसी आधार पर पुलिस ने शातिर जितेंद्र परिहार को अरेस्ट किया। सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान सेंट्रल स्टेशन तक जाते देखा गया था। इसी इनपुट के आधार पर पुलिस ने उसे दबोच लिया।