संवाददाता।
कानपुर। मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में दिमाग की सर्जरी करने से पहले मरीज को म्यूजिक थेरेपी में राम नाम की धुन सुनाई जा रही है। इस थैरेपी से मरीजों को काफी आराम मिल रहा है। ऑपरेशन से पहले मरीज का बीपी और शुगर बढ़ना आम बात थी। ऐसे में मरीज को पहले ड्रग्स दिया जाता था। इसके बाद उनका ऑपरेशन होता था, लेकिन यह थैरेपी कारगर साबित हुई है। हैलट अस्पताल की न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष सिंह ने इस थेरेपी को पिछले एक हफ्ते से शुरू किया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी हम लोग म्यूजिक थैरेपी का प्रयोग करते थे, लेकिन अब हम लोगों ने इसमें थोड़ा बदलाव करते हुए लोगों को राम नाम की धीमी-धीमी धुन सुनाने लगे हैं। कोई छोटा सा स्पीकर अपने साथ लाता है तो वह स्पीकर में बजाकर उसके बगल में रख देते हैं या फिर हेडफोन लगाकर मरीज सुन रहे हैं। पिछले एक हफ्ते के अंदर लगभग 30 मरीजों में इसका प्रयोग किया जा चुका है, जिन मरीजों ने इस थैरेपी को प्रयोग किया है। उन मरीजों को बीपी या शुगर बढ़ने जैसी समस्या देखने को नहीं मिली है। डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि जब से इस थेरेपी का प्रयोग अस्पताल के अंदर शुरू हुआ है, तब से मरीज दिल और दिमाग दोनों जगह से मजबूत हो रहे हैं, जब मरीज आता है तो वह ऑपरेशन के नाम से डर जाता है। उसके अंदर डर निकालने के लिए यह थैरेपी सबसे कारगर साबित हो रही है। दो से तीन दिन के अंदर मरीज अपने आप को काफी स्वस्थ महसूस करने लगता है और वह खुद ही ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाता है, जबकि पहले ऐसा देखने को नहीं मिलता था। डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि इस केस में हम लोग एक स्टडी शुरू करने जा रहे हैं। उसमें हम लोग यह करेंगे कि कुछ मरीजों को म्यूजिक थेरेपी देंगे और कुछ लोगों को राम नाम की धुन सुनाएंगे फिर उन दोनों मरीजों में अंतर देखेंगे, क्योंकि अभी इसको ट्रायल के रूप में शुरू किया है। मगर यह ट्रायल काफी सफल साबित हुआ है और इसके परिणाम भी अच्छे देखने को मिल रहे हैं, जब मरीज ऑपरेशन के बाद बाहर आता है तो उसे भी यह धुन सुनाते है।