संवाददाता।
कानपुर। हिट एंड रन’ कानून को लेकर फिलहाल सरकार ने अभी लागू न करने का फैसला लिया है। नए कानून को लेकर कानपुर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने वीडियो जारी कर कानूनी जानकारियां साझा की हैं। उनके मुताबिक कानून में संशोधन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। बताया कि हादसे के बाद चालक यदि इसकी सूचना पुलिस या मजिस्ट्रेट को दे देता है तो उसे न तो जेल जाना पड़ेगा और न ही जुर्माना देना पड़ेगा। बताया कि हादसे के बाद ही पुलिस के डायल 112 ड्राइवर सूचना दे सकता है। साथ ही हादसे के रूट पर पड़ने वाले पहले थाने पर गाड़ी खड़ी करनी होगी। जेसीपी ने बताया कि पहले हादसे के बाद वाहन चालक पर आईपीसी की धारा 304 (ए) के तहत कार्रवाई होती थी। इसके तहत हादसे में यदि किसी की मौत हो जाती है तो चालक को दो साल की सजा व जुर्माने की सजा थी। नए कानून में धारा 304 (ए) को 106(1) व 106(2) में तब्दील कर दिया गया है। आईपीसी की धारा 106(1) के तहत यदि कोई दुर्घटना करता है तो उसे पांच साल जेल और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं आईपीसी की धारा 106(2) के तहत यदि दुर्घटना की सूचना नहीं देता है तो उसे 10 साल की कैद और सात लाख के जुर्माने की सजा है। आईपीसी 106(2) में यह राहत भी दी गई है कि दुर्घटना के बाद यदि इसकी सूचना स्थानीय पुलिस, मजिस्ट्रेट, या यूपी 112 या 108 में देता है तो यह धारा उस पर लागू नहीं होगी। इससे उसे न तो जेल जाना पड़ेगा और न ही जुर्माना भरना पड़ेगा।जेसीपी के अनुसार हादसे के बाद चालक को स्थानीय लोगों से जान का भी खतरा रहता है। ऐसे में चालक घटनास्थल से दूर जाकर पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दे सकता है। उसकी शिकायत कंट्रोल रूम में रजिस्टर्ड हो जाएगी। इसके बाद चालक अपने रूट पर मौजूद थाने जाकर वाहन खड़ा कर प्रभारी को घटना से अवगत करा सकता है। इसके बाद थाना प्रभारी 41 (ए) का फार्म भरा उसे छोड़ देगा।