संवाददाता।
कानपुर। आईआईटी कानपुर साहित्यिक महोत्सव”, ‘शिवानी’ -हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का सम्पोषण एवं समन्वय केन्द्र , राजभाषा प्रकोष्ठ, अप्प्रोच सेल (कला, संस्कृति और विरासत की सराहना और संवर्धन), हिंदी साहित्य सभा और गाथा के संयुक्त रूप से अक्षर-2023 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईटी कानपुर के आउटरीच ऑडिटोरियम में प्रो. कांतेश बालानी, प्रो. एस गणेश, प्रो. ब्रज भूषण और प्रो. समीर खांडेकर द्वारा किया गया। इस तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे संस्करण में, 20वीं सदी के प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार (स्वर्गीय) गौरा पंत, जिन्हें उनके उपनाम ‘शिवानी’ से जाना जाता है, के जीवन और कार्यों के शताब्दी वर्ष के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी कानपुर के प्रो. एस गणेश और प्रो. ब्रज भूषण रहें। उद्घाटन समारोह के बाद शिवानी केंद्र में गोविन्द शर्मा ने “शिवानी का परिचय” में अपने विचार प्रस्तुत किए। श्री शर्मा ने बताया कि शिवानी जी हिंदी साहित्य की अग्रणी लेखिकाओं में से एक थीं, जिनकी लेखनी में सशक्त महिला पात्रों की एक विशिष्ट आवाज प्रस्तुत की गई, जो अपनी और अपने प्रियजनों की मुक्ति के लिए लड़ती हैं और साथ ही बेहद संवेदनशील और दयालु भी हैं। इसके पश्चात कथा रंग: एक कथा वाचन मंडली लखनऊ की नूतन वशिष्ठ और अनुपमा ने “शिवानी की कहानियां” पठन कार्यक्रम में शिवानी जी की सबसे प्रसिद्ध कहानियों का वाचन किया। समूह ने अपने जीवंत प्रस्तुति से दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया और शिवानी जी की कुछ कहानियों को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम के क्रम में “शिवानी के साहित्य में स्त्री विमर्श” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें कई साहित्यिक हस्तियों जैसे बीएचयू से प्रो. चन्द्रकला त्रिपाठी, पुणे विश्वविद्यालय से प्रो. शशिकला राय और अनुशक्ति सिंह ने भाग लिया। चर्चा के दौरान शिवानी जी के लेखन में मजबूत और स्वतंत्र महिला पात्रों के चित्रण पर विस्तार से चर्चा की गई।एक ओपन माइक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “आज के उभरते कलाकार” कार्यक्रम में आईआईटी परिसर के निवासियों और छात्रों के लिए एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कई छात्र, कर्मचारी और संकाय सदस्य शामिल हुए, जिससे परिसर के निवासियों के बीच सभी महत्वाकांक्षी कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किय गया। इसके पश्चात, परिसर में प्रतिभाशाली बच्चों के लिए एक ओपन माइक कार्यक्रम, “बच्चों का कोना” का आयोजन किया गया। इस सत्र में अलग-अलग उम्र के कई बच्चों ने भाग लिया। इसमें बच्चों ने नृत्य, गायन, कविता पाठ और अन्य कलात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर ने बच्चों को अपनी प्रतिभा को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने और अपने कौशल को विकसित करने का अवसर मिला। दर्शकों ने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित किया। कुमारी शर्वरी राव और नागरेखा राव द्वारा नृत्य संध्या के अंतर्गत भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया। दोनों कलाकारों ने अपने सुन्दर प्रदर्शन, लए और गति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शाम का अंतिम कार्यक्रम भाग्यश्री देश पांडेय और उनके सुरांजलि समूह द्वारा ‘सुर सरिता – शास्त्रीय गायन की एक शाम’ था। देश पांडेय और उनके साथ आए कलाकारों ने अपनी भावपूर्ण आवाज और हिंदुस्तानी रागों और गजलों की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष रूप से अक्षर 2023 एक विशाल पुस्तक मेला की भी मेजबानी कर रहा है, जिसका आयोजन देश के प्रमुख प्रकाशकों द्वारा आईआईटी कानपुर के आउटरीच ऑडिटोरियम लॉन में किया गया है। पुस्तक मेले में बच्चों की किताबों पर एक विशेष खंड भी आयोजित किया जाता है, जिसमें अमर चित्र कथा और राजकमल प्रकाशन आदि बच्चों की किताबों पर एक बड़ा संग्रह लेकर आया हैं।