संवाददाता।
कानपुर। मां कांशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं ट्रॉमा सेंटर के नियमित टीकाकरण बूथ से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने सोमवार को सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई-5.0) के तीसरे व अंतिम चरण का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई। बूथ पर कई बच्चों को मीजल्स-रूबेला सहित अन्य टीके भी लगाए गए। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने कहा कि गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण ही एक भरोसेमंद, कारगर और सुरक्षित उपाय है। स्वास्थ्य विभाग पांच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 12 गंभीर बीमारियों से प्रतिरक्षित करता है। उन्होंने परिजनों से अपील की कि अपने घर के आसपास के सभी लोगों को टीकाकरण का महत्व बताएं और पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करें। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. यूवी सिंह ने कहा कि कोई भी बच्चा छूटा हो तो उसका टीकाकरण अवश्य कराएं। सभी टीके पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। टीका लगने के बाद सामान्य बुखार हो सकता है लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है । प्रतिकूल प्रभाव से निपटने को रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) तैयार की गई है। इसके अलावा नजदीकी सीएचसी – पीएचसी पर भी चिकित्सक से सलाह ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि आईएमआई 5.0 के तीसरे चरण के लिए जिले के छूटे पांच वर्ष तक के कुल 19065 बच्चों एवं 3728 गर्भवती को टीकाकरण के लिए लक्षित किया गया है। साथ ही एमआर-1 के 3004 और एमआर-2 के 2425 छूटे हुए बच्चे लक्षित हैं। इसके लिए जनपद में कुल 2454 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग बीसीजी, पोलियो, रोटा वायरस, पेंटावेलेंट यानि पांच बीमारियों से लड़ने वाला टीका (जिसमें डिप्थीरिया, गला घोंटू, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस शामिल हैं) के अलावा मीजल्स, रूबेला और पीसीबी (फेफड़े के संक्रमण) से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण करता है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरवी सिंह सहित सहयोगी संस्थाओं – विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूएनडीपी व यूनिसेफ के मंडलीय और जनपदीय प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।