संवाददाता।
कानपुर। नगर में श्रीमद्भगवदगीता जयंती आयोजन समिति, कानपुर प्रांत के तत्वाधान में प्रभु श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में, भागीदारी कर वापस लौटे लोगों का मिलन समारोह आयोजित किया गया। भागीदारी कर आए क्षेत्र संघ चालक वीरेन्द्रजीत सिंह ने कहा कि हिन्दुओं में इतना धैर्यपूर्ण साहस और विश्वास था कि वे अपनी भावसत्ता के सर्वोच्च प्रत्तीक के लिए 500 वर्षों तक जुझते रहे। हमारे पुरखों ने इस लौ को कायम रखा क्योंकि भारतीयों के मन में एक भरोसा, एक बल, एक आस-विश्वास और हृदय में राम कायम रहे। समारोह के मुख्य अतिथि कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के माध्यम से मां भारती का वास्तविक उद्भव हुआ है, क्योंकि हमारी मूल सनातनी परम्पराओं को सदियों से दबाया गया है। इससे शान्ति, धर्म और सद्भाव की स्थापना होगी तथा एक नए युग की शुरूआत होगी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रांत संघचालक भवानी भीख तिवारी ने कहा कि हमें भारत की प्राचीनता पर गर्व है। भारत ने कई उत्थान-पत्तन देखे है, परन्तु अब भारतवर्ष अपने महान आदर्शों के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को प्रेरणा प्रदान करने की भूमिका में आ गया है। राजीव महाना ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अनुभूति बताते हुए कहा कि अयोध्या धाम में श्रीरामलला की पुर्न प्राण प्रतिष्ठा ने भारतवासियों की आस्था, विश्वास एवं परम्परा को संघर्ष के माध्यम से नया मुकाम दिया। उन्होंने कहा कि पूरे अयोध्या में स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी। डॉ. उमेश पालीवाल ने अपनी अनुभूति को साझा करते हुए बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यकम का निमंत्रण मिलने पर धन्य हो गए। उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी बहुत ही सौभाग्यशाली है कि हम इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें। पूरे अयोध्या में ऐसा लगा कि पुनः भगवान राम की वापसी पर अयोध्यावासियों का प्रेमभाव उमड़ पड़ा हो। प्रभु बालकरान के अद्भुत मुस्कान लिए हुए बाल विग्रह का दर्शन कर निहाल हो गए। सुरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि प्रभु श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय पूरे मन्दिर परिसर में सभी विशिष्ट एवं श्रेष्ठजन एक आम नागरिक की तरह सम भाव में सभी से एकाकार हो रहे थे। वहां कोई भेदभाव नही था। सभी भगवान की भक्ति में लीन थे। प्राण प्रतिष्ठा होते ही कई लोग नाचने लगे और कई लोगों की आंखें खुशी से अश्रुपुरित हो गई। इस मौके पर राजेश कुकरेजा, प्रो. नचिकेता तिवारी, एडवोकेट संजय जाटव, जूही मांगलिक, गौरव भदौरिया, कपिल पाण्डेय, आशुतोष शर्मा, उदयबक्शी, प्रो. एससी वर्मा, मनीष कटारिया, प्रकाश शर्मा, ज्योति शुक्ला, राजेन्द्र अवस्थी, तुषमुल मिश्रा, अमरनाथ, भूपेश अवस्थी आदि मौजूद रहे।