October 18, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में शुगर मरीजों के घाव को भरने के लिए अब ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। आमतौर पर शुगर मरीजों के यदि घाव हो जाते है तो वह भरने में काफी समय लगता है। ऐसे में शुगर मरीज की इस समस्या को दूर करने के लिए छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्कूल ऑफ लाइफ साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी में एलोवेरा, नीम फल और अंदरक के रस से कुछ सूक्ष्म कण निकालकर उसका पेस्ट तैयार किया गया है, जो घाव भरने में काफी सफल साबित हुआ है। सीएसजेएमयू की पीएचडी स्कालर मुमताज बानो का दावा है कि यह पेस्ट शुगर मरीजों के घाव को जल्दी ठीक करने का काम करेगा। लैब में तैयार किए गए इस पेस्ट का पहाल ट्रायल चूहों में किया गया। डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ. अनुराधा कलानी ने बताया कि इस ट्रायल में सबसे पहले चूहों को डायबिटीक किया गया। उसके बाद उनमें अल्सर बनाया। कुछ चूहों पर इस लेप को लगाया गया और कुछ पर नार्मल ट्रीटमेंट किया गया। यह हर्बल लेप लगाने वाले चूहों के घाव में सात दिनों में ही अंतर देखने को मिलने लगा। वहीं, नार्मल ट्रीटमेंट वाले चूहों में कोई खास अंतर नहीं देखने को मिला। इस शोध को करने के लिए 12 चूहों का प्रयोग किया गया। इस पूरे शोध में लगभग 5 से 7 माह का समय लगा। चूहो की निगरानी की गयी कि किसको कितना समय लगा। इसका पूरा ध्यान रखा गया। बाद में चूहों की किडनी और शरीर के अन्य पार्ट का भी चेकप किया गया। यह देखा गया कि शरीर का कोई अन्य पार्ट तो डैमेज नहीं हो रहा है। मगर ऐसा कुछ भी नहीं मिला। चूहों पर यह ट्रायल होने के बाद अब इस पेस्ट का लिगेचर (बैंडएड) बनाने पर काम किया जा रहा है। इसको घाव पर चिपकाया जाएगा। इसको लगाने से काफी फायदे होंगे।इससे घाव में बाहरी धूल मिट्‌टी के कण नहीं बैठते है। इस कारण घाव जल्द ठीक होने के चांस बढ़ जाते हैं। माना जा रहा है कि लिगेचर बनने के बाद इस लेप का यूज आम पब्लिक आसानी से कर सकेगी और यह हर मेडिकल स्टोर में मिलेगा। डॉ. अनुराधा कलानी ने बताया कि लिगेचर बनने के बाद इस पेस्ट को बनाने की विधि और टेक्नोलॉजी को पेटेंट कराकर किसी कंपनी के जरिए मार्केट में लाया जाएगा। कोशिश है कि सीएसजेएमयू से इंक्यूबेटेड कोई स्टार्टअप कंपनी इसको लांच करे। डॉ. अनुराधा कलानी ने बताया कि शुगर मरीज के घाव में ठीक से आक्सीजन न मिल पाने के कारण घाव ठीक होने में परेशानी होती है। ऐसे में इस लेप के लगने के बाद आक्सीजन ठीक से मिलने लगती है, जिससे घाव ठीक होता है। इसलिए इसका नाम आक्सी एक्जो एलोथैरेपी रखा गया है। प्रतिकुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने बताया कि एलोवेरा, नीम फल और अदरक के रस से एक हर्बल पेस्ट तैयार करने में सफलता मिली है। यह लेप घावों को जल्दी ठीक करने में कारगर है।

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