धूल और धुंआ के कारण आंखों के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी।
संवाददाता। कानपुर। नगर में धूल और धुंआ के कारण आंखों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में तीन दिन से ओपीडी में 15% मरीज आंखों में जलन और लालिमा की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। पहले अस्पताल में 120 से 150 की संख्या में मरीज पहुंचते थे। अब वहीं, मरीजों की संख्या 250 हो गई है। शहर में बढ़ रहे प्रदूषण से एक तरफ अस्थमा, टीबी जैसे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वैसे ही आंखों के मरीजों को भी बड़ी समस्या हो गई है। मेडिकल कॉलेज की डॉ. पारुल सिंह ने बताया कि प्रदूषण केवल फेफड़े और स्वास्थ्य तंत्र को ही नहीं प्रभावित करता है, बल्कि यह आंखों को भी बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। जिस तरह से हम अपने फेफड़ों को सुरक्षित रखने के लिए नाक और मुंह को ढक कर रखते हैं और हर चीज का ख्याल रखते हैं। इसी तरह से आंखों का भी ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि आंखें हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी हैं। इसलिए इसका ठीक तरह से देखभाल करना बहुत जरूरी है। कभी-कभी लापरवाही बरतने से आंखों में बड़ी समस्याएं भी आ जाती हैं। डॉ. पारुल सिंह के मुताबिक इन दिनों मरीजों की आंखों में जलन की शिकायत सबसे ज्यादा है, जब मरीज की आंखों में जलन या खुजली होती है तो उसे उलझन सी मचने लगती है। यह तब होता है जब आप वायु प्रदूषण के संपर्क में आते हैं। ऐसे में आप बार-बार आंखों को मसलते हैं तो इस कंडीशन में आंखों के अंदर और भी समस्या आने का खतरा रहता है। इसलिए यदि आंखों में जलन हो, खुजली हो या लालपन आ जाए तो ऐसे में तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए, जिसने भी इसमें लापरवाही बरती उसे बड़ी समस्या उठानी पड़ जाती है। जब आप वायु प्रदूषण के संपर्क में आते हैं तो ऐसे में आपकी आंखें ड्राई होने लगते हैं, फिर जब आप उसे बार-बार रगड़ते हैं तो आंखों में सूजन आ जाती है, अंदर की तरफ जख्म होने का भी खतरा होता है। कभी-कभी किसी-किसी की आंखों से पानी भी आने लगता है। ऐसे में कभी भी बिना डॉक्टर की परामर्श से मेडिकल स्टोर से दवा ना लें क्योंकि आंखों में जरा सी भी समस्या होने पर कभी-कभी बड़ा नुकसान हो जाता है। डॉ. पारुल सिंह के मुताबिक इन दिनों ओपीडी में 15% मरीज ऐसे आ रहे हैं। जिनकी आंखों में जलन, लालपन की शिकायत है। यह शिकायत उन लोगों में अधिक है जो कि बाहर रहकर काम करते हैं। जब शरीर में इम्यूनिटी कमजोर होती है तो ऐसे में आंखों में संक्रमण तेजी से अटैक करता है, लेकिन कुछ उपाय करके हम इस प्रदूषण में अपनी आंखों को बचा सकते हैं। डॉ. पारुल के मुताबिक जब आप घर से बाहर निकलते हैं तो आंखों का ख्याल जरूर रखें। खास तौर पर वह लोग जो दो पहिया वाहन से चलते हैं। ऐसे लोगों को काला चश्मा लगाकर निकालना चाहिए। जब बाहर से आते हैं तो ठंडे, साफ पानी से आंखों को धोना चाहिए। हो सके तो आरओ के पानी से आंखों को धोए, क्योंकि बहुत देर कर रखा हुआ पानी भी सही नहीं होता है। इसलिए इस बात का ध्यान जरूर रखें की आंखों को धोने के लिए साफ और ठंडा पानी हो। उन्होंने कहा कि असल में वायु जब दूषित होती है तो इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण मिले हुए होते हैं। इनके संपर्क में बार-बार आने से आंखों में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आंखों में दर्द होना, धुंधला दिखाना, सूजन आ जाना, आंखें लाल हो जाना, आंखों से पानी आना, रोशनी कम होना इस तरह की तमाम शिकायतें हो सकती हैं।