संवाददाता।
कानपुर। नगर में राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक की। यहां देश में करोड़ों दिव्यांगजनों के हक दिलाने के बात की गई । इसके साथ ही राजनीति में हिस्सेदारी की मांग भी उन्होंने की। बैठक में राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र कुमार मौजूद रहे। दिल्ली से आए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के दीक्षित ने बताया की पार्टी दिव्यांगों के विकास के लिए बनाई गई। जिसने 2007 से लेकर अब तक के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने का काम किया। रविवार यानी 15 अक्टूबर की हुई इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राजनीति में दिव्यांगों की हिस्सेदारी और सदन में कैसे दिव्यांग पहुंचकर देशभर के दिव्यांगजनों का उनका हक दिला सके, इस पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन सरकारी स्कीमों का लाभ लेने के लिए सर्टिफिकेट बनवाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं, सरकार ने उन्हें विकलांग से नाम बदलकर दिव्यांगजन नाम दे दिया, लेकिन दिव्यांगजनों की अपेक्षा पर खरी नहीं उतरी। देशभर में तकरीबन साढ़े चार करोड़ दिव्यांगजन है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी पार्टी के सदस्य मौजूद हैं और सक्रिय हैं। पार्टी से तकरीबन डेढ़ लाख सदस्य जुड़े हुए हैं। जो अलग-अलग जगह पर होने वाले चुनाव में सक्रिय हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भी राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे। इसके साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी पार्टी चुनावी मैदान में प्रत्याशियों को उतारेगी। राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के द्वारा सरकार से यह मांग की गई है कि जिस तरह से महिला आरक्षण बिल राजनीति में हिस्सेदारी के लिए लागू किया गया है। इस तरह से दिव्यांगजनों के लिए भी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन पाल मांग की है कि देश के सदन में सरकार द्वारा एक सदस्य दिव्यांग मनोनीत किया जाना चाहिए। ऐसे दिव्यांगजनों की राजनीति में हिस्सेदारी बढ़ेगी। साथ ही दिव्यांगजनों के आर्थिक, सामाजिक विकास में भी इजाफा होगा।राष्ट्रीय विकलांग पार्टी की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष राजकुमारी शुक्ला ने कहा कि जिस तरह से जातिगत जनगणना की बात चल रही है, उसमें यह मांग की गई है ,की जनगणना में दिव्यांगजनों का कालम भी अलग से बनाया जाए।