संवाददाता।
कानपुर। नगर के नरवल थाना क्षेत्र के पुरवामीर में दो वर्षों से राशन की दुकान नहीं थी। राशन की दुकान का आवंटन करने पर एक पक्ष ने सचिव पर धांधली का आरोप लगाया है। आरोप लगाते दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि सचिव ने ग्राम पंचायत की खुली बैठक में पहले कोरम न पूरा होने की बात कह कर बैठक निरस्त कर दी। जब दूसरे पक्ष के लोग चले गए, तब प्रधान पक्ष ने सचिव से मिलकर कार्यवाही रजिस्टर में प्रज्ञा सिंह के नाम राशन की दुकान निर्विरोध कर दी। दूसरे पक्ष के दावेदार ने धांधली के खिलाफ शिकायत करने को कहा है। सरसौल ब्लाक के ग्राम पुरवामीर में ग्राम पंचायत की खुली बैठक में राशन की दुकान का आवंटन होना था। पुरवामीर प्रधान जीतेंद्र सिंह के पक्ष के लोग प्रज्ञा सिंह के नाम आवंटन कराना चाहते थे। वहीं दूसरे पक्ष के ज्ञानेन्द्र सिंह दावेदार थे। दोनों पक्ष के लोग खुली बैठक में थे, तभी दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज शुरू हो गई। जिससे काफी संख्या में ग्रामीण बैठक से चले गए। बामुश्किल 50 लोग बचे तो सचिव गिरिश प्रजापति ने कोरम न पूरा होने की बात कहकर बैठक निरस्त कर दी। इसके बाद ज्ञानेन्द्र सिंह भी साथियों के साथ चले गए। आरोप है कि सबके चले जाने पर सचिव व ग्राम प्रधान ने मिलकर कार्यवाही रजिस्टर में ग्रामीणों के हस्ताक्षर करवाकर प्रज्ञा सिंह के नाम राशन की दुकान का आवंटन कर दिया। दूसरे पक्ष के दावेदार ज्ञानेन्द्र सिंह ने सचिव व ग्राम प्रधान की इस धांधली की शिकायत उपजिलाधिकारी नरवल से करने की बात कही है। आवंटन को निरस्त करने की मांग की। एडीओएसटी विनय शुक्ला ने बताया कि राशन की दुकान आवंटन चयन प्रक्रिया में 318 कोरम होता है। गांव की मतदाता संख्या के अनुसार वोटिंग का 20% अवश्य होना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोई दावेदार नहीं था तो निर्विरोध आवंटन हो गया।