November 21, 2024

संवाददाता।
कानपुर। यूपी में कड़ाके की ठंड के बीच बारिश का दौर जारी है। लखनऊ और कानपुर देहात में शनिवार को बारिश हुई। बरेली में पारा 3.5°C तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी में 15 जनवरी तक बारिश होगी। आंधी के साथ ओले भी गिर सकते हैं। वहीं 9 से 11 जनवरी तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।शनिवार को झांसी में कोहरे की वजह से ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई। हादसे में 2 चाचा और 1 भतीजे की मौत हो गई। घने कोहरे की वजह से ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया था। ट्रैक्टर-ट्राली पलटने के बाद तीनों नीचे दब गए। मरने वालों की पहचान पुष्पेंद्र अहिरवार (25 वर्ष), उसके चाचा रामबख्श अहिरवार (42 वर्ष) और लखनलाल अहिरवार (28 वर्ष) के रूप में हुई है। तीनों मध्य प्रदेश के बम्होरी कलां थाना क्षेत्र के कुडयाला गांव के रहने वाले थे। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि यूपी में हो रही बारिश के पीछे की वजह वेस्टर्न डिस्टरबेंस हैं। यह 8 जनवरी से और ज्यादा सक्रिय हो जाएगा। शनिवार को कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली यानी 7 जिलों में बारिश की आशंका है। बीते 24 घंटे में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, उन्नाव, अयोध्या में बारिश हुई है। इस सीजन में आज पहली बार 66 जिलों में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आगरा, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बिजनौर, मुरादाबाद, अलीगढ़, बदायूं, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन और झांसी में घना कोहरा छाया जाएगा। वहीं ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर और बलिया में भी घना कोहरा छाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक, अब कोल्ड डे की स्थिति फिलहाल शहरों में नहीं है। शुक्रवार को एक भी जिले में कोल्ड डे दर्ज नहीं किया गया। वहीं आज भी कोल्ड डे को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। बादलों के चलते तापमान में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन ठिठुरन और गलन का एहसास बना रहेगा। सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक, 15 जनवरी तक अभी बारिश के आसार बने हुए हैं। 8 जनवरी से एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ रहा है, जो बारिश की रफ्तार में तेजी लाएगा। यूपी में घने बादल छाए रहेंगे। 11 जनवरी तक तेज हवाओं, गरज-चमक व ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। फिर 9 से 11 जनवरी तक भारी बारिश का अलर्ट है। शुक्रवार को धूप नहीं निकली है। बरेली में करीब 9 बजे तक कोहरा छाया हुआ है। यहां अधिकतम तापमान 15 डिग्री दर्ज हुआ। जबकि न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। बरेली में उत्तराखंड की तरफ से आ रही हवाएं ठिठुरन का एहसास करवा रही हैं। हवा करीब 5KMPH की रफ्तार से चल रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, करीब 2 दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। वाराणसी में कड़ाके की ठंड के साथ बारिश होने से ठिठुरन बढ़ी है। पिछले 2 दिनों में 10 मिमी की बरसात हुई है। काशी में 2 दिन से धूप नहीं निकली है। घना कोहरा भी पूरे जिले में छाया हुआ है। विजिबिलिटी 200 मीटर से भी कम है। वाराणसी में अधिकतम तापमान 18.7 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है। शुक्रवार को भी कोहरे का असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ा। दिल्ली, आगरा, मुंबई और हावड़ा रूटों से कानपुर की तरफ आने वाली 47 ट्रेनें एक से 10 घंटे तक लेट रही। कानपुर के सेंट्रल रेलवे स्टेशनों पर 2098 ने टिकट लौटाकर पैसा वापस क्लेम कर लिया। 119 को कनेक्टिंग आरक्षण की वजह से दूसरी ट्रेनों में सफर की छूट दी गई। इस कारण प्लेटफार्मों से लेकर सहायता कक्ष में यात्रियों की भीड़ लगी रही। प्रदेश में मुरादाबाद में शुक्रवार का दिन सबसे ठंडा रहा। यहां अधिकतम तापमान 12.6°C दर्ज किया गया। वहीं, गुरुवार की रात मुजफ्फरनगर में 4.7°C के साथ सबसे ठंडी रिकॉर्ड हुई। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार- जनवरी माह की बारिश फसलों के लिए बेहद फायदेमंद होगी। गन्ना, गेहूं, आलू, चना, सरसों, मटर, जौ और मूली आदि सभी रबी फसलों के लिए ये बारिश अच्छी होगी। बारिश के पानी के साथ प्रकृति में मौजूद लगभग 5% नाइट्रोजन का फिक्सेशन हो जाता है। जिससे प्राकृतिक रूप से सभी फसलों को पानी के साथ नाइट्रोजन मिल जाती है। इसीलिए, बारिश का पानी सिंचाई जल से कहीं अधिक फायदेमंद माना जाता है। इन दिनों सर्दी अधिक होने के कारण फसलों को उचित तापमान मिल जाता है। जिससे उत्पादन बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस बारिश से सरसों के फल का दाना मोटा होगा। इससे अच्छा उत्पादन मिलेगा। वहीं, बारिश से किसानों को सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। उससे उनकी मेहनत और लागत दोनों में कमी आएगी। किसान इस बात का जरूर ख्याल रखें कि खेत में पानी को भरने न दें। 

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