संवाददाता।
कानपुर। नगर में मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल समेत पांच अस्पतालों में मंगलवार सुबह से सर्वर बैठ जाने के कारण पूरा दिन मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ा। पर्चे ना बनने के कारण खिड़कियों पर लंबी लाइन लग गई। कुछ देर बाद जब मरीजों को पता चला की सर्वर ही नहीं आ रहा तो धीरे-धीरे भीड़ वापस जाने लगी। सुबह कुछ देर जब सर्वर आया तो लगभग 50 पर्चे ही बन पाए थे कि इसके बाद सर्वर चला गया। पिछले एख माह से सर्वर की समस्या चल रही है।
सुबह करीब 9 बजे ही सर्वर चला गया। इसके कारण हैलट, जच्चा बच्चा, चेस्ट हॉस्पिटल, कार्डियोलॉजी, बाल रोग विभाग में ओपीडी के पर्चे बनना बंद हो गए। देखते ही देखते हॉल के अंदर लोगों की लंबी लाइन लगने लगी। काफी देर तक पर्चे न बनने से मरीज भी परेशान होने लगे। इस पर तिमारदारों और कर्मचारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली। कर्मचारियों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी , इसके बाद अधिकारियों ने हाथ से पर्चा बनाने के निर्देश दिए। अगर कर्मचारियों की माने तो यहां पर हफ्ते में दो से तीन दिन सर्वर की समस्या बनी रहती है। इसके कारण मरीज को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, दवा काउंटर में सर्वर ना आने के कारण मरीज और कर्मचारियों में झड़प हो गई। इसी तरह पैथोलॉजी विभाग में भी ब्लड सैंपल जमा करने पहुंचे दिमारदारों और कर्मचारियों के नेकझोक देखने को मिली। प्रदेश सरकार ने एनआईसी पोर्टल दे रखा था। इसी से पूरा सर्वर चलता था, लेकिन 13 अक्टूबर को यह टेंडर खत्म हो गया है। सूत्रों की माने तो अब सर्वर से संबंधित समस्याएं और झेलनी पड़ेगी। खास बात तो यह है कि अगर सर्वर चला जाता है तो नेट से संबंधित कोई दूसरी लाइन तक नहीं है, या तो कर्मचारी अपना डाटा खर्च करें या फिर मैन्युअल पर्चे बने। जब से टेंडर खत्म हुआ है तब से यहां पर सर्वर की समस्या अधिक देखने को मिल रही है। पिछले एक माह से यहां पर सर्वर की समस्या काफी हो रही है। इसके कारण रोजाना सैकड़ो मरीज बिना इलाज कराए ही वापस जा रहे हैं। अभी तक हजारों मरीज बिना इलाज कराए वापस जा चुके हैं। बताते चलें कि कानपुर मेडिकल कॉलेज में कानपुर के अलावा कानपुर देहात, उन्नाव, इटावा, औरैया, घाटमपुर, हमीरपुर, शुक्लागंज समेत कई जिलों से मरीज इलाज कराने आते हैं। इसी तरह अन्य अस्पतालों में भी बाहर से मरीज इलाज कराने आते हैं।