November 22, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में बुधवार रात नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की हालत बिगड़ने पर कई बार एनआईसीयू में मौजूद डॉक्टर से जाकर कहा, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी, जब बच्चे की मौत हो गई तो उन्होंने कहा कि अब बच्चे में  कुछ नहीं बचा इसे ले जाइए। इससे नाराज परिजनों ने 112 में पुलिस से शिकायत की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से तहरीर लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 1 जनवरी को बच्चे का हुआ था जन्म चौबेपुर निवासी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि 28 दिसंबर 2023 को पत्नी विद्या देवी को जच्चा बच्चा विभाग में भर्ती कराया था, जहां पर पत्नी का 1 जनवरी को ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई गई। पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया था। जन्म के तुरन्त बाद उसे डॉक्टर ने एनआईसीयू में रखा लेकिन कुछ देर बाद निकाल दिया और कहा कि अब बच्चे को कोई भी दिक्कत नहीं है। तब से बच्चों को लगातार दिक्कत हो रही थी। बार-बार उसके हाथ पैर ठंडे पड़ रहे थे, हम लोग डॉक्टर से गुहार लगा रहे थे, लेकिन डॉक्टरों ने एक न सुनी। 3 जनवरी की रात को अचानक से फिर तबीयत बिगड़ी तो रात करीब 8:30 बजे फिर डॉक्टर के पास ले गए लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा बिल्कुल ठीक है। उसे थोड़े कपड़े और पहना दो ताकि शरीर गर्म हो जाए और रात 9:30 बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया।शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जब शिकायत लेकर हैलट अस्पताल की पुलिस चौकी पहुंचे तो वहां पर पुलिस ने भी मुझे टहला दिया और कहा कि पहले बच्चे को  देखो फिर आना। इसके बाद शैलेंद्र ने 112 में फोन पर घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां मौजूद डॉक्टर से बातचीत की इसके बाद शैलेंद्र से तहरीर देने को कहा। शैलेंद्र की तहरीर पर स्वरूप नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. अरुण कुमार आर्या ने कहां की मामला काफी गंभीर है। इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी डॉक्टर इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाही की जाएगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *