संवाददाता।
कानपुर। नगर में मेट्रो परियोजना के अंतर्गत लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता उपरिगामी सेक्शन का निर्माण कार्य जारी है। इस सेक्शन में कुल 5 मेट्रो स्टेशन तैयार होने हैं, जिनके कॉनकोर्स (उपरिगामी स्टेशन का पहला तल) का आधार तैयार करने के लिए डबल टी-गर्डर रखे जाने की शुरुआत हो चुकी है। बुधवार को इस सेक्शन के निर्माणाधीन बारादेवी स्टेशन पर डबल टी-गर्डर्स के परिनिर्माण (इरेक्शन) का काम पूरा कर लिया गया। जिसके बाद बारादेवी स्टेशन पहली बार आकार लेता दिखाई दिया। बारादेवी स्टेशन का आधार तैयार करने को रखे गए 52 डबल टी-गर्डर्स रखे गए हैं। देश के अंदर उपरिगामी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को आधार देने के लिए सबसे पहले डबल टी-गर्डर्स का प्रयोग कानपुर मेट्रो ने ही किया है। प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी से मोतीझील) के सभी स्टेशनों के निर्माण में भी डबल टी-गर्डर्स का प्रयोग किया गया। इन डबल टी-गर्डर्स को पियर कैप और यू-गर्डर की तरह ही कास्टिंग यार्ड में तैयार किया जाता है। कास्टिंग यार्ड में तैयार होने के बाद डबल टी-गर्डर्स को क्रेन की सहायता से निर्धारित मेट्रो स्टेशन पर रखा जाता है, इस प्रक्रिया को इरेक्शन कहते हैं। अभी तक यूपी मेट्रो की टीम कुल 78 डबल टी-गर्डर्स का इरेक्शन कर चुकी है, जिनमें से 52 डबल टी-गर्डर्स बारादेवी स्टेशन पर लगाए गए हैं। आने वाले कुछ दिनों में किदवई नगर स्टेशन पर भी डबल टी-गर्डर्स का इरेक्शन पूरा कर लिया जाएगा। बारादेवी-नौबस्ता के सभी 5 स्टेशनों को मिलाकर कुल 268 डबल टी-गर्डर्स लगाए जाने हैं। काम की गति की समीक्षा करते हुए प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि परियोजना निर्धारित समय सीमा के अंदर अपना लक्ष्य पूरा करेगी। हम छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं और उनको समय पर पूरा करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। बताया कि वर्तमान में प्रथम कॉरिडोर के अंतर्गत बारादेवी-नौबस्ता उपरिगामी सेक्शन के अलावा कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन पर और चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन पर भी निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है।