संवाददाता।
कानपुर। नगर में मिड डे मील का खाना खाने के बाद सरसौल के शंकरानंद जूनियर हाई स्कूल के 15 बच्चों की तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों में आक्रोश देखने को मिला। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों की हालत बिगड़ी थी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करना चाहिए था ना कि सभी बच्चों को छुट्टी करके उनके घर भेज देना चाहिए। इससे बच्चों की हालत और बिगड़ गई। इसमें स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही है। यही नहीं, स्कूल में हर सोमवार को सब्जी रोटी बनती है, जो की मेनू में भी है, लेकिन वहां के लोगों ने आज के दिन सब्जी और चावल रखा। सरसौल इलाके के रहने वाले मोहम्मद शमी ने बताया कि उनका बेटा अफजल इसी स्कूल में पढ़ता है। जब स्कूल में उसे उल्टी होनी शुरू हुई तो शिक्षकों ने उसकी छुट्टी कर दी और बेटा उल्टी करते हुए घर पहुंचा जब उसकी हालत देखी तो देखकर होश उड़ गए। तत्काल उसे लेकर सरसौल सीएससी पहुंचे, जहां पर प्राथमिक उपचार देने के बाद भी जब उसकी उल्टियां बंद नहीं हुई तब काशीराम ट्रामा सेंटर लेकर आए। सिकंदर आलम ने बताया कि उनका बेटा आमिर खान और शमी मोहम्मद दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते हैं। दोनों बेटे घर आए तो उन्हें लगातार उल्टियां हो रही थी। बच्चों ने बताया कि स्कूल में भी उल्टी हुई तो शिक्षकों ने घर जाने को कहा जब बच्चों को सरसौल अस्पताल ले गए वहां पर इंजेक्शन लगने के बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला तब डॉक्टर ने काशीराम अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। स्कूल के शिक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार ने कहां की स्कूल के 127 बच्चों ने मिड डे मील का खाना खाया था, लेकिन खाना खाने के बाद कुछ बच्चों ने वहां पर लगे एक पेड़ से छोटे-छोटे फल तोड़कर खा लिए, जिन्होंने फल खाए थे उन्हीं बच्चों की हालत बिगड़ी है। जबकि बच्चों से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी भी प्रकार का फल नहीं खाया था, लेकिन अपनी कमियों को छुपाने के लिए अधिकारी ऐसी बातें करते रहे हैं। मेनू के हिसाब से स्कूल में खाना नहीं बनाया गया था। हर सोमवार को सब्जी और रोटी बनाने का प्रावधान है, लेकिन मानक को ताक पर रखकर स्कूल वालों ने सब्जी और चावल बनाएं। आखिर चावल कैसे थे, जिस कारण बच्चों को इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसी क्या वजह थी जिसके कारण मेनू बिना अधिकारियों को बताएं स्कूल वालों को बदलना पड़ा। यह जांच का विषय है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि सभी बच्चों ने एक ही खाना खाया था। कुछ में फूड प्वाइजनिंग क्यों हुई इसकी जांच की जाएगी।