कानपुर,। श्रम विभाग के साथ लगभग एक करोड़ सात लाख की साइबर धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए बुधवार को साइबर थाने, सर्विलांस एवं स्वाट टीम ने एक युवती समेत गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरोह के कब्जे से दो लाख उनतालीस हजार रुपए नगद एवं सात मोबाइल, 5 लैपटाप, एक सोने की चेन समेत अन्य दस्तावेज बरामद किया है। पुलिस आयुक्त ने इस खुलासे के लिए पुलिस टीम को एक लाख का इनाम देने की घोषणा की है। यह जानकारी बुधवार को पुलिस उपायुक्त अपराध आशीष श्रीवास्तव ने दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में कानपुर नगर के सजेती निवासी उदित मिश्रा पुत्र सुनील मिश्रा हालपता लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र और महाराष्ट्र नागपुर वीर सावरकर नगर फेस 2 एमआईडीसी ऐरिया बुटी बोरी निवासी नैन्सी ठाकुर पुत्र गोविन्द, सजेती निवासी अंकित मिश्रा पुत्र सुनील मिश्रा, मुरादाबाद जनपद के मोजपुर थाना क्षेत्र के बासिदपुर डिगरी गांव निवासी मोहम्मद यासीन, मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र के अम्बेडकर नगर निवासी ललित कश्यप, सीतापुर के आर्दश नगर सेक्टर 01 निवासी विनय दीक्षित है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में अपर श्रमायुक्त कानपुर मण्डल कल्पना श्रीवास्तव की तहरीर पर एक फरवरी 2024 को कानपुर के साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। यूपीबीओसीडब्लू द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के तहत अनुदान के लिए फर्जी आवेदन कर उनकी आईडी व अधिकारियों के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग कर डीएलसी तथा एलसी की आईडी को स्क्रीप करते हुए लगभग कुल 196 अपात्र श्रमिकों के खाते में लगभग एक करोड़ 7 लाख की धनराशि का साइबर धोखाधड़ी कर ट्रांसफर कर लिया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर चार टीमें गठित की गई थी। जांच के दौरान पुलिस टीम ने अपराध से आयी हुई 64 लाख रूपए को भी फ्रीज करा दिया गया है।
पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि इस पूरी साइबर धोखाधड़ी का मास्टर माइंड उदित मिश्रा है जो की पूर्व में सजेती घाटमपुर में सी.एस.सी चलाता था, इसी दौरान वह अपनी महिला मित्र नैंसी ठाकुर तथा गैंग के सदस्य मुनाजिर, अर्जान, यासीन, ललित कश्यप, मस्तान व सीतापुर निवासी विनय दीक्षित के संपर्क में आया। नैंसी ठाकुर कंप्यूटर साइंस में बीटेक है, उदित मिश्र ने भी यूटयूब तथा अन्य माध्यम से साइबर सिक्योरिटी के कई ऑनलाइन कोर्स किए हैं ने श्रम विभाग की वेबसाइट पर की प्रोग्रामिंग तथा मौजूद बगक्स वेबसाइट की सुरक्षा खामियों एवं मौजूद बग की पहचान कई तरह के बाईपास तलाश कर लिए थे, महीनों ऑनलाइन रेकी करके जिससे बिना एल.ई.ओ.के वेरिफिकेशन के ऑनलाइन प्रक्रिया को स्कैन कर डीएलसी का अप्रूवल कर लिया। सीतापुर निवासी विनय दीक्षित जो मंडलीय श्रम विभाग में संविदा पर सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत है ने श्रम विभाग के एलसी एवं डीएलसी के यूजरनेम पासवर्ड की सूची की डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराया और इस तरह पूरा खेल किया गया। सभी के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेजा जा रहा है।