नवरात्र के आठवें दिन यानी महा अष्टमी को कन्या पूजन कर माता का आशीर्वाद हासिल करने की परंपरा के तहत देवी भक्तों ने जगह-जगह कुंवारी कन्याओं का पूजन किया।
शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता रहा और घंटे-घड़ियाल, नारियल, चुनरी आदि मां को चढ़ाई गई। रविवार को नगर सहित क्षेत्र भर के मंदिरों पर धार्मिक आयोजन किए गए।भक्तगण कन्याओं को हलवा पूड़ी, जलेबी, दही, खीर आदि का भोज कराकर व कन्याओं को श्रृंगार, मुद्रका आदि सामान देकर उनसे सुख समृद्धी का आशीर्वाद ग्रहण किया Iमहागौरी पूजन के साथ देवी पण्डालों में कन्या भोज के आयोजन कराये गये। अष्टमी का घर-घर में महागौरी का पूजन किया गया। महिलाओं ने अठवाई भरकर मां का पूजन अर्चन कर परिवार के लिये सुख समृद्धि की कामना की। सुबह के वक्त मंदिर में दुर्गा सप्तशती तथा मां की स्तुति सामूहिक रूप से की गई तथा भक्तों ने हवन में सामूहिक आहुतियां दीं।जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। माता के पूजन का सिलसिला भोर पहर से शुरु हुआ जो देर रात तक जारी रहा। शहर के हर छोटे-बडे देवी मन्दिरों में देवी दर्शन और पूजन के भक्तों का तांता लगा रहा जिससे वहां पर जयकारों से आसमान गूंजता रहा। भक्तों ने देवी के चरणों पर विभिन्न प्रकार की पूजन, सामग्री के साथ ही फल, फूल और मिष्ठान अर्पित किए।भक्तों ने मां जगदंबा का जयकारा लगाते हुए मां के शक्तिशाली स्वरूप के दर्शन किए और श्रीफल तथा चुनरी मां को अर्पित कर माता को मनाने को काम किया।सुबह के वक्त मंदिर में दुर्गा सप्तशती तथा मां की स्तुति सामूहिक रूप से की गई तथा भक्तों ने हवन में सामूहिक आहुतियां दीं।जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। माता के पूजन का सिलसिला भोर पहर से शुरु हुआ जो देर रात तक जारी रहा। शहर के हर छोटे-बडे देवी मन्दिरों में देवी दर्शन और पूजन के भक्तों का तांता लगा रहा जिससे वहां पर जयकारों से आसमान गूंजता रहा। भक्तों ने देवी के चरणों पर विभिन्न प्रकार की पूजन, सामग्री के साथ ही फल, फूल और मिष्ठान अर्पित किए।भक्तों ने मां जगदंबा का जयकारा लगाते हुए मां के शक्तिशाली स्वरूप के दर्शन किए और श्रीफल तथा चुनरी मां को अर्पित कर माता को मनाने को काम किया।