ग्रुप अपनी काली कमाई और जुड़ी हुई बोगस कंपनियों की खबरों को दबाने में हो रहा सफल
संवाददाता।
कानपुर। नगर में चौथे दिन भी मयूर ग्रुप पर आईटी की रेड के बाद जांच जारी रही है। अब तक की जांच के दौरान 80 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी और करीब 50 करोड़ का संदिग्ध लेनदेन पकड़ा गया है। इसके साथ ही 7 करोड़ का कैश और सोने के जेवरात भी मिले हैं। वहीं, अरबों की काली कमाई को रियल इस्टेट में खपाने के साक्ष्य सामने आए हैं। साफ्टा के नियमों का उल्लंघन करने की भी बात सामने आई है। जांच पूरी होने के बाद ही आईटी अफसर मयूर ग्रुप के कर चोरी से लेकर अन्य मामलों का खुलासा करेंगे। आयकर विभाग की 150 अफसरों की टीम ने मयूर ग्रुप के कानपुर से लेकर कानपुर देहात, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर, देवास समेत 35 जगहों पर बीते गुरुवार को एक साथ छापेमारी की थी। कानपुर में ही इसके मालिक रहते हैं। इसके चलते केवल कानपुर में मयूर के 20 ठिकानों पर छापेमारी के बाद जांच जारी है। जांच में सामने आया है कि समूह का सालान टर्नओवर करीब 600 हजार करोड़ का है। कंपनी के सहयोगी कारोबारी तनवानी नमकीन के मालिक भी अब जांच की जद में आ गए हैं। कंपनी ने बोगस कंपनियों यानी जिनका वास्तविकता में कोई अस्तित्व ही नहीं है और सिर्फ दस्तावेजों मे हैं। उनके नाम पर 19 करोड़ का लोन लिया गया था। कंपनी विदेशों से कच्चे तेल का आयात करती है। कंपनी ने टैक्स चोरी के लिए साफ्टा के नियमों का भी उल्लंघन करके टैक्स चोरी की है। बीते 5 सालों के खरीद-फरोख्त की जांच की जा रही है। अब तक की जांच में करीब 80 करोड़ की टैक्स चोरी, 40 करोड़ का संदिग्ध लोन और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। कंपनी ने टैक्स चोरी करने के साथ ही अरबों की काली कमाई को रियल इस्टेट में खपाया है। कंपनी के मालिक मनोज गुप्ता, सुनील गुप्ता, सुरेश गुप्ता, रितेश गुप्ता, अर्चित गुप्ता के सिविल लाइंस के सिविल लाइंस स्थित मयूर विला, एमरल्ड गार्डन के फ्लैट, गगन अपार्टमेंट स्थित फ्लैट, शक्करपट्टी, कोपरगंज स्थित कंपनी के दफ्तर और रनिया स्थित फैक्ट्री में आईटी की टीमें छापेमारी के बाद जांच कर रही हैं। छापेमारी के बाद न ही किसी को अंदर से बाहर जाने की परमिशन है। जांच पूरी होने के बाद ही कंपनी के मालिकों समेत अन्य को किसी से फोन पर बात करने या बाहर निकलने की इजाजत देगी। कानपुर का मयूर ग्रुप वनस्पति तेल, आटा, मैदा, बिस्कुट, साबुन और खाद का कारोबार करता है। कानपुर से लेकर देश के कई राज्यों में मयूर ग्रुप का कारोबार फैला हुआ है। लेकिन कानपुर में ही इसके मालिक रहते हैं। इसके साथ ही इसका हेड ऑफिस कानपुर में ही बना हुआ है। सिविल लाइंस के मयूर विला कोठी में कंपनी के मालिकों का पूरा परिवार रहता है। इसके अलावा इनकी पूरे कानपुर में अरबों की संपत्ति है। आईटी की टीम कंपनी के टैक्स चोरी का कच्चा चिट्ठा निकालने के लिए खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सर्वर, मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य का डाला निकालकर एनालिसिस कर रही है। लेकिन हाईटेक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने के चलते आईटी की टीम को जांच के दौरान मशक्कत करनी पड़ रही है, लेकिन फिर भी जांच के दौरान कई अहम जानकारियां मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य से अन्य जानकारियां हासिल कर ली है। इतनी बड़ी कार्यवाही आम जनता तक न पहुँच पाए इसके लिए मयूर ग्रुप खबरों को दबाने की मुहिम में लगा है जिसमे काफी हद तक वह सफल रहा है।