वन विभाग मछुआरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा सकता है।
संवाददाता।
कानपुर। नगर के अस्पताल घाट पर पकड़े गए मगरमच्छ का गुरुवार को लाइव वीडियो सामने आया है। इसमें मछुआरे किस तरह से अपनी जान पर खेलकर मगरमच्छ काे पकड़ा। इसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे वापस गंगा में छोड़ दिया। इतना ही नहीं मगरमच्छ को पकड़ने वालों के खिलाफ अगर कोई तहरीर देगा तो वन विभाग मछुआरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा सकता है। बीते कई दिनों से गंगा बैराज से लेकर सरसैया घाट किनारे एक मगरमच्छ देखा जा रहा था। लोगों के आते ही मगरमच्छ पानी में वापस भाग जाता था। इससे घाट पर गंगा में स्नान करने वालों के लिए भी खतरा बढ़ गया था। बीते बुधवार को गंगा किनारे मगरमच्छ दिखा तो मछुआरों ने मगरमच्छ को घेरकर पकड़ लिया और उसको रस्सी से बांधकर घाट पर किनारे रख दिया। मगरमच्छ पकड़ने की जानकारी मिलते ही वहां सैकड़ों की भीड़ लग गई। कई महिलाएं तो अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाकर पूजा-अर्चना भी करने लगीं। देर शाम तक वन विभाग के अफसरों को सूचना देते रहे, लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। देर रात वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को दोबारा गंगा में छोड़ दिया। मगरमच्छ को वापस गंगा में छोड़ने पर इलाकाई लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि कानपुर में बिठूर से लेकर अटल घाट और जाजमऊ के घाटों पर लोग गंगा में स्नान करते हैं। ये मगरमच्छ किसी भी दिन गंगा में स्नान करने वालों के लिए खतरे का सबब बन सकता है। अगर इससे किसी की जान को खतरा हुआ तो इसका जिम्मेदार वन विभाग और डीएफओ होंगी। डीएफओ श्रद्धा ने बताया कि मगरमच्छ मछुआरों ने पकड़ लिया था। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी मगरमच्छ को वापस गंगा में छोड़ दिया गया है। क्यों कि मगरमच्छ के रहने और प्रजनन के लिए सबसे सुरक्षित गंगा है।