संवाददाता।
कानपुर। नगर के सरसौल क्षेत्र में स्थित पाल्हेपुर गांव में 162 साल पुरानी रामलीला में देर रात भरत मिलाप लीला का भावपूर्ण मंचन हुआ। राम को अयोध्या को ले जाने के लिए भरत के साथ गुरु वशिष्ठ सभी माताएं और अयोध्यावासी चित्रकूट पहुंचे। सेना के साथ भरत को आता देख लक्ष्मण ने युद्ध करने की बात कही। तब राम ने अनुज लक्ष्मण को समझाया। उधर दूर से ही भरत ने भाई शत्रुघ्न के साथ जब राम को देखा तो भाव विह्वल होकर दंडवत प्रणाम किया। चारों भाइयों का चित्रकूट में मिलाप हुआ। भरत ने वापस चलने को कहा तो राम ने पिता की आज्ञा की बात दोहराई। भरत मिलाप का दृश्य देखकर श्रद्धालुओं की आंखें भर आईं। आपको बताते चलें कि नरवल तहसील के पाल्हेपुर गांव में ग्रामीणों के सहयोग से ऐतिहासिक रामलीला का आयोजन किया जाता है। ऐतिहासिक रामलीला का शुभारंभ आयोजन समिति से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी प्रेम कुमार बाजपेयी के द्वारा विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर किया गया था। किरीट पूजन के दौरान रामचरितमानस की चौपाई “जब ते राम ब्याह घर आए, नव नित मंगल मोद बधाये” का व्यास पीठ से परंपरा गत गायन किया गया। इसके बाद रामलीला का शुभारंभ हुआ। यहां रामलीला का आयोजन 20 दिवसीय होता है, जो कि दशहरा से शुरू होकर दीपावली में समाप्त होती है। यहां रामलीला में गांव के लोग ही कलाकार भी होते हैं। आस-पास सहित दूर-दूर से लोग रामलीला को देखने के लिए आते हैं।