संवाददाता।
कानपुर। घाटमपुर में दबंगों ने पीड़िता के घर को गिरा दिया। विरोध करने पर पिता और बेटी को बेरहमी से पीटा। घटना पिकेट प्वाइंट से महज 50 मीटर दूरी पर हुई। दो घंटे तक चले इस तांडव की सूचना पिता और बेटी ने फोन करके डायल 112 पर पुलिस को दी, लेकिन जब तक पुलिस पहुंची आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से भाग निकले। पीड़िता ने थाने पहुंचकर तहरीर, लेकिन 24 घंटे बीतने के बाद भी केस दर्ज नहीं हुआ है। देवरिया और कानपुर देहात की घटना से भी पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। घाटमपुर थाना क्षेत्र के पतारा कस्बा निवासी विनोद कुशवाहा की बेटी सन्नो ने थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी। जिसमें बताया कि रविवार सुबह पड़ोस में रहने वाले राघवेंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह, नितेंद्र सिंह, ज्ञानेद्र सिंह पुत्र शिवराम सिंह के साथ निखिल सिंह आए। सभी घर में घुसने लगे। पिता विनोद कुशवाहा ने विरोध किया तो सभी ने मिलकर उनसे मारपीट की, जब वह बचाने पहुंची तो उसे पीटा। जिसके बाद दबंगों ने उसके मकान को गिराना शुरू कर दिया।यहां पर दो घंटे तक आरोपियों ने बवाल किया। इसके बाद आरोपी पीड़ित को शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले। पीड़िता ने घटना की सूचना पर डायल 112 पर फोनकर दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी जुटाई। पीड़ित ने थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है। पतारा कस्बा निवासी शिवराम सिंह ने लगभग 15 वर्ष पहले विनोद कुशवाहा को लगभग चार बिस्वा जमीन बेची थी, जिसकी रजिस्ट्री हुई थी, उसके कुछ वर्ष बाद शिवराम सिंह ने शेष तीन बिस्वा जमीन की विनोद कुशवाहा को नोटरी कर दी थी, जिसके बाद से विनोद कुशवाहा अपने परिवार के साथ रहने लगे थे। शिवराम सिंह के देहांत के बाद लड़कों की नीयत बिगड़ी तो पिता द्वारा विनोद कुशवाहा को नोटरी की गई जमीन को अपनी बताने लगे। कई बार उन्होंने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की पर जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस से की थी। सूत्रों की माने तो मकान गिराने वाले लोगों के पीछे पतारा चौकी में तैनात एक सिपाही की भूमिका संदिग्ध है। वह लगातार आरोपियों के संपर्क में है और उन्हें पल पल की जानकारी साझा कर रहा है, जिससे आरोपी आपके आप को बचाने में जुटे है। सूत्रों की माने तो यह जानकारी देने के ऐवज में सिपाही ने आरोपियों ने चालीस हजार रुपए लिए है। इससे पहले भी यह सिपाही बीते दिनों आरोपियों को घाटमपुर थाने लेकर गया था, जहां पर सिपाही ने आरोपियों से उनकी जमीन पर विनोद कुशवाहा द्वारा कब्जा करने की तहरीर दिलाई थी। लेकिन पुलिस के सामने कागज आते ही सिपाही का पासा उल्टा पड़ गया। घर गिरने के बाद से सिपाही अपने आप को बचाने में लगा है। पुलिस कंट्रोल रूम में घर गिराने की सूचना मिलते हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही डायल 0455 लगभग दस मिनट में मौके पर पहुंची लेकिन तब तक आरोपी मौके से भाग निकले थे। पीड़िता ने पुलिस को बताया की वह लोग उसे पकड़ रखे थे, जिसके चलते वह तुरंत फोनकर पुलिस को घटना की सूचना नहीं दे पाई। जैसे ही उसे फ़ोन मिला उसने फोन कर उसके साथ हुई घटना की सूचना पुलिस को दी थी। दबंगों से घर गिराने की सूचना मिलने के बाद से पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। थानाध्यक्ष विक्रम सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की जांच पड़ताल की है, जिसके बाद उन्होंने घाटमपुर एसडीएम को एक पत्र लिखकर राजस्व टीम के द्वारा दोनों के बीच जमीनी विवाद को समाप्त कराने की मांग की है। मामले में घाटमपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया की दोनों के बीच कई दिनों से जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था, लेकिन घर गिराना गलत है। तहरीर के आधार कर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।