संवाददाता।
कानपुर। नगर के रायपुरवा थाना क्षेत्र में बुजुर्ग शिक्षिका की हत्या कर शव जलाने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक हाते में रहने वाले धर्मेंद्र वर्मा ने ही शिक्षिका की पहले गला दबाकर हत्या की, इसके बाद उनके शव को दरिंदगी से घर में ही जला दिया था। दरवाजे पर मौत का जिम्मेदार किरायेदार को बताने वाला नोट भी हत्यारोपी धर्मेंद्र वर्मा ने ही लिखा था। पुलिस ने मामले में खुलासे के लिए 4 टीमों का गठन किया था। हत्यारोपी ने शिक्षिका का मोबाइल अपने पास ही रख लिया था। पुलिस के लिए शिक्षिका के मोबाइल ने अहम सुराग का काम किया। हत्यारोपी के पास से पुलिस ने मोबाइल भी बरामद कर लिया है। डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि हत्यारोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके पिता के संबंध भी शिक्षिका के साथ थे। इससे वो खुन्नस मानता था। इसके अलावा आए दिन शिक्षिका से विवाद भी होता था। इससे परेशान होकर उसने 9 जनवरी को उनकी हत्या कर दी थी। रायपुरवा थानाक्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में बुजुर्ग शिक्षिका का जलता शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। इस दौरान घर के बाहर दरवाजे में कुंडी लगी हुई थी। कैंपस के लोगों ने घर से धुआं उठता देखा तो कुंडी खोली। जहां धुआं भरा हुआ था। लोग आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो सूचना डायल 112 को दी गई। घर के अंदर चारपाई पर बुजुर्ग शिक्षिका का 95 फीसदी जले शव से लगातार धुआं उठ रहा था। गुप्ता गेस्ट हाउस स्थित छब्बालाल का हाता निवासी 62 वर्षीय मंजू वर्मा एल्डिको के पास एक एकिन पब्लिक स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थीं। उनके पति राजेंद्र चौहान का सात वर्ष पहले स्वर्गवास हो गया था। उनके कोई संतान नहीं थी। इस कारण वह कैंपस में रहकर बच्चों को पढ़कार अकेले जीवन यापन कर रहीं थीं। हत्या के बाद दरवाजे पर चॉक से एक नोट हत्यारोपी ने लिखा था, जिसमें मृतका मंजू वर्मा ने अपने पड़ोसियों को मौत का जिम्मेदार ठहराया था। शिक्षिका का नाली को लेकर पड़ोसियों से विवाद चल रहा था। नोट में लिखा था कि मंजू की अचानक अगर मृत्यु हो जाती है तो इसके जिम्मेदार पड़ोसी होंगे। सुबूत के तौर पर मैं ये नोट लिख रही हूं मंजू। लेकिन नोट में एक जगह पर मृत्यु की मात्रा गलत लगी है, तो क्या शिक्षिका से यह गलती हुई या किसी और से हड़बड़ी में हुई है। हालांकि पुलिस ने इसका खुलासा कर दिया।