October 15, 2025

संवाददाता।
कानपुर। नगर के बिकरू कांड के एक और आरोपी दया शंकर अग्निहोत्री को कानपुर देहात की एंटी डकैती कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। दयाशंकर विकास दुबे का नौकर था। बिकरू कांड के बाद जिला प्रशासन की टीम दया शंकर की राशन की दुकान स्थानांतरित करने गई तो उसे जांच के दौरान एक बोरे में सात देसी बम मिले थे। चौबेपुर पुलिस ने दयाशंकर के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया था। मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही थी। मामले में आरोपित दयाशंकर को न्यायालय से दोष सिद्ध करते हुए तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गैंग ने दबिश देने आई टीम पर हमला बोल दिया था। गैंग ने चौतरफा घेराबंदी करके पुलिस पर इतने फायर झोंके कि डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि कई पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने विकास दुबे समेत गैंग के कई सदस्यों को एनकाउंटर में मार गिराया तो 45 से ज्यादा आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेजा था। बिकरू कांड के आरोपित दयाशंकर अग्निहोत्री के नाम पर गांव में सरकारी राशन की दुकान थी, लेकिन वह जेल चला गया तो जिला प्रशासन ने उसे दूसरे को एलॉट कर दी थी। दूसरे के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार मिश्रा, नायब तहसीलदार अतुल हर्ष व दारोगा विश्वनाथ 10 जुलाई 2020 को गए थे। पंचायत भवन में चलाई जा रही दुकान में जांच के दौरान एक बोरे में सात देसी बम मिले थे। इस पर आरोपित पर विस्फोटक अधिनियम में मुकदमा किया गया था। इस मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को फैसले के दिन आरोपित दयाशंकर अग्निहोत्री को न्यायालय में पेश किया गया। डीजीसी राजू पोरवाल, एडीजीसी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि अभियुक्त दयाशंकर अग्निहोत्री को विस्फोटक अधिनियम में तीन वर्ष कारावास के साथ ही तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अभियोजक प्रशांत कुमार मिश्रा, पैरोकार मुकेश कुमार और कोर्ट मुहर्रिर बलराम सिंह ने सजा दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। बचाव पक्ष ने आरोपित को बिकरू कांड में आरोपित होने के कारण रंजिशन फंसाने का तर्क दिया। इसके साथ ही आरोपित के घर में पंचायत भवन नहीं बल्कि घर में कोटे की दुकान चलाने की बात कही, जिसका अभियोजन ने विरोध किया और तर्क दिया की आरोपित दबंग था और पंचायत भवन पर कब्जा किए था। बचाव व अभियोजन की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित दयाशंकर अग्निहोत्री को दोष सिद्ध किया। इसके बाद कोर्ट ने अभियुक्त दयाशंकर अग्निहोत्री को विस्फोटक अधिनियम में तीन वर्ष कारावास के साथ ही तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। 

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