संवाददाता।
कानपुर। जनपद की बिल्हौर तहसील में इन दिनों प्राइवेट कर्मी पूरी तरह से हावी हैं। प्राइवेट कर्मी के हाथों में सभी कोर्टों की फाइलें हैं। खुलेआम अफसरों के साथ कोर्ट में बैठकर पेशकारी करते हैं और राजस्व टीम के साथ क्षेत्र में भूमि की नाप आदि भी करने जाते हैं। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी से तहसील में प्राइवेट कर्मी पूरी तरह से हावी हो गए हैं। जो राजस्व कर्मियों से लेकर अफसरों तक कमाई का सीधा व सुलभ जरिया बने हुए हैं और फाइलों में छेड़छाड़ कर खुद भी मोटी कमाई कर रहे हैं। वह सरकारी कार्यालयों के कामों को संभाल रहे हैं। तहसील के पटलों में आए दिन सरकारी मुकदमों की पत्रावलियां गायब हुआ करती हैं। कई बार वकीलों व वादकारियों ने गायब पत्रावलियों की तलाश कराने के लिए अधिकारियों से और तहसील दिवस में जाकर शिकायतें कीं, लेकिन हालत जस की तस बनी हुई है। प्राइवेट कर्मी मिलकर सरकारी फाइलों को गायब करा देते हैं। यहां तक कि प्राइवेट कर्मियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट फाइलों में लगती है और उन्हीं की रिपोर्ट पर जिम्मेदारों के द्वारा साइन कर दी जाती है। तहसील में प्राइवेट कर्मचारियों को अधिकारियों के साथ बैठकर काम करने और राजस्व टीम के साथ जमीन की पैमाइश करते हुए देखा जा सकता है। कुछ समय पूर्व मामले के तूल पकड़ने पर तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट लक्ष्मी वीएस व उपजिलाधिकारी हिमांशु गुप्ता ने प्राइवेट कारीगरों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया था। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद प्राइवेट कर्मी एक बार फिर कार्यालयों में और अधिकारियों के आसपास नजर आने लगे। एसडीएम रश्मि लांबा का कहना है कि सभी कोर्ट व दफ्तरों में प्राइवेट कर्मियों से काम न कराने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। जो अफसर उनसे काम कराएगा, वह उसका खुद जिम्मेदार होगा।