सवाददाता।
कानपुर। नगर में बच्चों को 13 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है। इन सभी प्रमुख टीकों की उपलब्धता स्वास्थ्य केंद्रों से लाभार्थी तक गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित की जाती है। सभी स्तरों पर कोल्ड चेन होने के कारण सरकारी अस्पताल का टीका अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित और असरकारक होता है। इस संबंध में जिले के 60 कोल्ड चेन हैंडलर्स को तकनीकी जानकारियां देकर उनका क्षमता संवर्धन किया गया है। सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित प्रशिक्षण केंद्र में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र में जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी कोल्ड चेन हैंडलर्स को कोल्ड चेन पॉइंट पर वैक्सीन के रखरखाव, इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (इविन) पोर्टल, तापमान नियंत्रण, निगरानी, आइस लैंड रफ्रिजरेटर (आईएलआर), डीप फ्रीजर, वैक्सीन वायल मॉनिटर, ओपन वायल पॉलिसी आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ ही अपर शोध अधिकारी को भी समय से रिपोर्टिंग करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। यूएनडीपी के प्रोग्राम ऑफिसर धनञ्जय श्रीवास्तव, जिला समन्वयक धनंजय सिंह व यूनिसेफ के डीएमसी फुजैल अहमद सिद्दीकी ने सभी कोल्ड चेन हैंडलर्स को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कोल्ड चेन हेंडलर्स को आईस लाइन रेफ्रीजरेटर (आईएलआर), डीप फ्रीजर, डी फ़्रोस्टर आदि के रखरखाव व प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित करना, नियमित दस्तावेज और पोर्टल पर अंकित करना है। वैक्सीन को व्यवस्थित और सुरक्षित रखने में कोल्ड चेन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसका संचालन करने वालों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है।वैक्सीन को जिस तापमान की जरूरत है, उस तापमान पर रखा जाए और इसकी निरंतर निगरानी की जाए। साथ ही वैक्सीन को जितने समय तक सुरक्षित रखना है, उसे उसी के अनुसार व्यवस्थित करने की जरूरत है, जो वैक्सीन क्षेत्र में भेजी जा रही है, उसे आइस पैक करके वैक्सीन कैरियर में भेजा जाए। उन्होंने बताया कि आईएलआर का तापमान दो से आठ डिग्री सेल्सियस रखा जाना चाहिए। डीप फ्रीजर का तापमान माइनस 15 से 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। एएनएम को सभी दिशा-निर्देशों, नियमों को विस्तार से बताएं। वैक्सीन का वेस्टेज न हो इसके लिए उनकी टैली शीट को देखते रहें। वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट के लिए आईस पैक और वैक्सीन कैरियर के बीच समन्वय होना जरूरी है। साथ ही माइक्रो प्लानिंग और वैक्सीन को ले जाने की व्यवस्था के बारे में समझाया।