November 22, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में पेट्रोलपंप से 22.70 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले पेट्रोलपंप कर्मियों को अरेस्ट कर लिया। शातिर पेट्रोलपंप कर्मचारी पेट्रोलपंप मालिक को रोजाना बिक्री की आना-पाई हिसाब देने के बाद खाते से फंड रिवर्स का फायदा उठाकर रुपए उड़ा देते थे। लाखों रुपए का घाटा होने पर पेट्रोलपंप मालिक ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई तब साइबर ठगी करने वाले दोनों कर्मचारी पकड़े गए। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया। एडीसीपी मनीष सोनकर ने बताया कि बर्रा-2 छेदी सिंह का पुरवा में रहने वाले रामनरेश अवस्थी का मंधना में नीलम पेट्रोल पंप है। रामनरेश ने पुलिस को बाताया कि रोज वे हिसाब करते थे तो हिसाब सही रहता था, लेकिन हर महीने हिसाब मिलाने पर खाते से लाखों रुपए का झोल मिलता था। कोई उनके खाते से रकम उड़ा रहा था। उन्होंने साइबर थाने में 8 महीने के भीतर 22.70 लाख रुपए की साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की तब खुलासा किया हुआ कि पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी बिठूर के बैराठनपुरवा निवासी हरिओम पाल और चौबेपुर के उदैतपुर निवासी अन्नू पाल संदेह के घेरे में आए। क्यों कि पेट्रोलपंप मालिक के खाते से रुपए दोनों के खातों में ट्रांसफर हो रहा था। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तब दोनों ने बताया कि मालिक को सुबह से शाम तक की बिक्री का हिसाब देने के बाद फंड रिफंड के ऑप्शन का इस्तेमाल करके महीने में दो से तीन लाख रुपए वापस अपने खाते में मंगा लेते थे। हरिओम के अकाउंट में ठगी का 12 लाख 10 हजार 459 रुपये बरामद भी हुआ। पेट्रोल पंप कर्मचारी रोजाना हिसाब देने के बाद पहले हजार से दो हजार रुपए वापस अपने खाते में करा लेते थे। दोनों के मन में लालच बढ़ता चला गया और यह आंकड़ा रोजाना 5 से 10 हजार का हो गया। इससे हर महीने हिसाब में ढाई से तीन लाख रुपए घटने लगा। 8 महीने बाद करीब 23 लाख का घाटा सामने आने पर मालिक ने जांच-पड़ताल की तो कर्मियों की साइबर ठगी का खुलासा हुआ। दोनों के खाते में रकम कम होने की जानकारी मिली तो स्टेटमेंट निकाला। स्टेटमेंट में दो अज्ञात खाते मिले, जिसमें लगातार 5 से 10 हजार रुपये पेटीएम से वापस कराए जाने की बात सामने आई। एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि ठगी करने वाले कर्मियों ने ‘एडमिन राइट’ हासिल कर ठी की वारदात को अंजाम दिया। एडमिन राइट होने के चलते ही दोनों पंप के खाते से 5 से 10 हजार रुपए अपने खाते में फंड रिफंड के विकल्प का फायदा उठाकर रकम वापस अपने खाते में मंगा ले रहे थे। शातिर कर्मियों ने धीरे-धीरे आठ महीने में करीब 25 लाख रुपये पार कर दिए। प्रभारी निरीक्षक साइबर सेल हरमीत सिंह ने बताया जो शॉपकीपर्स पेटीएम या गूगल पे दुकान पर इस्तेमाल कर रहे हैं। रोजाना अपने अकाउंट का मिलान करें। रोजाना 24 घंटे के अंदर दोबारा अकाउंट जरूर चेक करें, जिससे अगर इस तरह की ठगी हो रही है तो उसकी जानकारी हो जाए। साथ ही क्यू आर कोड और एडमिन राइट का पासवर्ड बदलते रहें। 

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