योगी राज में भी आमजन पर हावी है भूमाफिया लारी गैंग
संवाददाता।
कानपुर। गैंगस्टर सहाब लारी को गंगाघाट पुलिस ने मंगलवार रात को गिरफ्तार कर लिया। सहाब लारी और उसके गैंग ने उन्नाव में करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन को कब्जा करके बेच डाला है। गंगाघाट पुलिस ने सहाब के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। विवादित जमीनों के सौदागर सहाब पर कानपुर में भी कई मुकदमें दर्ज हैं और यहां से भी वह फरार चल रहा था। जाजमऊ की शालीमार टेनरी पर कब्जा करने की कोशिश में लारी का नाम चर्चा में आया था। उन्नाव के शुक्लागंज समेत कानपुर के जाजमऊ और समूचे पूर्वी हिस्से में अपराधी पृष्ठभूमि वाले भूमाफिया चाचा भतीजे का गैंग का कहर आम जनता पर बरस रहा है। उन्नाव की गंगाघाट पुलिस ने करोड़ों की सरकारी जमीन बेचने वाले सहाब लारी और उसके गैंग में शामिल नौ लोगों के खिलाफ गैगस्टर की कार्यवाही की है। इसमें गैंगलीडर सहाब लारी का चाचा नौशाद लारी उर्फ नौशाद अहमद है। उन्नाव पुलिस ने नौशाद को अरेस्ट करके जेल भेज दिया था, लेकिन सहाब लारी की तलाश में जुटी हुई थी। मंगलवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कानपुर-लखनऊ हाईवे स्थित कल्लू पुरवा मोड़ के पास से कानपुर जेके कॉलोनी निवासी सहाब लारी उर्फ शहाब अनवर को गिरफ्तार किया है। जबकि गैंग में शामिल धर्मराज निषाद, शेखर कुमार उर्फ गोलू निषाद, फैय्याज आलम, शादाब लारी उर्फ शदाब अनवर, अंशुल ठाकुर, विमल कुमार निषाद अभी फरार हैं। सहाब लारी के खिलाफ कानपुर के जाजमऊ थाने में भी हाल ही में करोड़ों का फ्लैट कब्जा करने की एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद से जाजमऊ पुलिस सहाब की तलाश में छापेमारी कर रही थी, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा पा रही थी। इधर उन्नाव पुलिस ने सटीक मुखबिरी पर सहाब लारी को अरेस्ट कर लिया। साहब लारी पर सबसे पहला मुकदमा गंगाघाट कोतवाली में दर्ज किया गया था। राजस्व विभाग के एक लेखपाल ने मुकदमा दर्ज कराया था। सहाब लारी ने करोड़ों रुपए की जमीन को सोसायटी बनाकर बेच डाला है। लारी की गिरफ्तारी के लिए उन्नाव पुलिस 3 महीने तक परेशान रही थी। गैर राज्यों में लगातार दबिश दी थी लेकिन साहब लारी हाथ नहीं लगा था। इसके बाद सदर कोतवाली और कानपुर के जाजमऊ थाना में भी मुकदमा दर्ज किया गया और गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज होने के बाद अब पुलिस ने गिरफ्तारी की है। गैंगस्टर भूमिया साहब लारी पुलिस महकमें के ऊंचे स्तर के अधिकारियों का करीबी रहा है। उन्नाव समेत आसपास जिलों में तैनात रहे अधिकारियों से लारी की अच्छी बनती थी। अफसरो की बदौलत साहब लारी अपना रुतबा कायम रखता था। इतना ही नहीं सहाब लारी कानपुर से लेकर उन्नाव तक अपने नजदीकी पुलिस कर्मियों की मनचाही ट्रांसफर पोस्टिंग भी कराता था। इससे कि उससे कि जमीनों के काम आसानी से हो सके। उन्नाव में स्वाट टीम में तैनात रहे पुलिस कर्मियों के साथ सब नारी का केक काटते हुए फोटो वायरल हुआ। जिसके बाद मामला लखनऊ ज़ोन के अधिकारियों ने संज्ञान में लिया। जांच के बाद पुलिस कर्मियों पर आरोप लगे और उन्हें जनपद से हटकर अलग-अलग जनपदों में तबादला कर दिया गया। कानपुर के चकेरी थाने में तैनात रहे इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह को भी साहब लारी का करीबी होने पर चुनार ट्रेनिग सेंटर भेज दिया गया। बताते है जाजमऊ क्षेत्र के करीब रहने वाले एक कद्दावर भाजपा नेता से अपने गहरे संबंधों के चलते ये समाज और पुलिस प्रशासन पर रौब गांठता था।