संवाददाता।
कानपुर। नगर के पुलिस कमिश्नर ऑफिस में मंगलवार को आईएमए और प्रणोदय संस्था के संयुक्त तत्वाधान में सीपीआर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कार्डियो पल्मोनरी रिस्सिटेशन जो की हृदयाघात कि स्थिति में (दिल और फेफड़े को दोबारा चालू करना) क्या करना चाहिए, जिससे लोगों की जान बचाई जा सकती है।आईएमए के डॉ. सुनील गुप्ता और डॉ. प्रदीप टंडन ने वहां पर मौजूद सभी पुलिस वालों को सीपीआर के बारे में व्याख्यान दिया। इसके बाद पुतलों के ऊपर सीपीआर खुद करना भी सिखाया गया। एक्सीडेंट में, किसी हृदय घात, इलेक्ट्रॉक्यूशन या बिना किसी कारण के एकदम से हृदय गति रुक जाने के केस में लोगों की जान बचाने के लिए बहुत ही उपयोगी होती है। जब भी किसी वजह से हृदय गति रूकती है तो अगर 3 मिनट के अंदर दिल की धड़कन दोबारा चालू कर दी जाए तो व्यक्ति का दिमाग और वह व्यक्ति पुनः जीवित हो सकता है। डॉ. प्रदीप टंडन ने कहा कि 24 घंटे और हर जगह पर एक्सपर्ट आदमी या डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो सकते। इसलिए यह सीपीआर जो कि अभी केवल देश में एक प्रतिशत लोगों को भी नहीं आता है अगर इसकी प्रतिशत हम लोग बढ़ाकर अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर सके तो बहुत सारी इमरजेंसी में लोगों की जान बच सकती है। प्रणोदय संस्था का यह 466 कार्यशाला थी। आईएमए अध्यक्षा डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने कहा कि आईएमए और पुलिस कमिश्नर के सहयोग से हफ्ते में दो बार शहर के विभिन्न थानों में इसी तरह की किसी वर्कशॉप आयोजित करने का प्लान बनाया गया है। इस मौके पर सचिव डॉ. कुणाल सहाय, पूर्व सचिव डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, पूर्व अध्यक्ष बृजेन्द्र शुक्ला, पूर्व सचिव डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, प्रणोदय संस्था के डॉ. सुनीत गुप्ता मौजूद रहे।